विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के गोधुपूर गांव स्थित रामेश्वरनाथ धाम, स्वयंभू भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का वार्षिकोत्सव सकुशल संपन्न हुआ। ज्ञात हो कि श्री रामेश्वरनाथ मंदिर की मूर्ति स्थापना (प्राण प्रतिष्ठा) श्री रामनाथ तिवारी चकबंदी अधिकारी द्वारा मिती फाल्गुन सुदी अष्टमी वार गुरुवार तदनुसार 9 मार्च 1995 को उनके अग्रज कैलाश नाथ तिवारी सुपुत्र दामोदरनाथ तिवारी के सौजन्य से सम्पन्न हुआ था।
मंदिर का शिलान्यास डॉ सुभाष चंद्र तिवारी मिती मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष दशमी वार शुक्रवार तदनुसार 4 दिसम्बर 1992 को रामनाथ तिवारी की अध्यक्षता में हुआ था। मंदिर के निर्माण का कार्यभार संस्थापक के ज्येष्ठ सुपुत्र डॉ सुभाष चन्द्र तिवारी द्वारा उनके अनुज प्रकाश चंद्र तिवारी एवं डॉ सन्तोष तिवारी, पवन कुमार, अरुण कुमार एवं रुद्र कुमार की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। पश्चातवर्ती अनुक्रम में संस्थापक के पौत्र डॉ सन्तोष कुमार द्वारा मंदिर के नवीनीकरण का कार्य कराया गया।
ध्यातव्य तथ्य यह है कि संस्थापक रामनाथ तिवारी को भगवान शिव ने स्वप्न में दर्शन दिया और एक सुनिश्चित स्थान पर अपने मंदिर के स्थापना के लिए आदेशित किया। उक्त स्वप्न को साकार मूर्त रूप देने के लिए उन्होंने अपने परिजनों से मंत्रणा किया और तत्काल मंदिर के निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया। यही नहीं, नींव पूजन के समय ज्योहि डॉ सुभाष चंद्र ने नींव खोदने के लिए फावड़ा उठाया भगवान शिव ने अपने सर्प रूप में उपस्थित होकर दर्शन दिया।
उपस्थित लोगों ने प्रार्थना एवं स्तुति की कि हे प्रभु आपके निवास स्थान की तैयारी प्रारम्भ हो गई हैं। तत्काल सर्प रूपी शिव जी थोड़ी दूर चलते ही अंतर्ध्यान हो गए। इस विशिष्ट शिव जी का दर्शन करने एवं अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए भक्तगण दूर-दूर से आते हैं। समय—समय पर विशिष्ट पर्वो पर इस मंदिर पर विशेष पूजन अर्चन का कार्यक्रम सम्पादित होता है तथा भक्तजनों को मनवांच्छित फल की प्राप्ति होती है।
इस दौरान श्री रामचरितमानस रामायण के अखण्ड पाठ का आयोजन कराया गया। तत्पश्चात हवन एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम हुआ। सायंकाल महाप्रसाद एवं भंडारे का आयोजन हुआ। भंडारे में आस—पास के क्षेत्र से लगभग हजारों की संख्या में महाप्रसाद ग्रहण किया।
श्रीरामेश्वर नाथ जी का 29वां वार्षिकोत्सव सम्पन्न
RELATED ARTICLES