जौनपुर। नगर से सटे प्यारेपुर गांव में अंजुमन पैगामे हुसैनी की जानिब से विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में शब्बेदारी में पूरी रात 72 शहीदों की शहादत पर मातमी अंजुमनों ने नौहे पढ़ते हुए मातम किया। इस दौरान इमाम हुसैन अलिहिस्लाम के चाहने वालो ने आंसुओं के जरिए नज़राने अकीदत पेश किया। प्यारेपुर में मुसलमानों रात शब्बेदारी में गुजरी चारो तरफ हाय हुसैन हाय हुसैन की सदा की गूंज रही। शब्बेदारी की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना जाफर खान सुल्तानपुरी ने कहा कि इमाम को अल्लाह ने बनाया, वह अल्लाह के हुक्म से हेदायत करते हैं अपनी मर्जी से हेदायत नहीं करते हैं। आदम को अल्लाह ने बनाया था बंदों ने नहीं। मौलाना ने कहा कि अल्लाह के बनाए हुए की पहचान ये है फरिश्ते उसके आगे झुक जाय।
अलविदायी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना अंबर खान ने कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन व उनके साथियों की शहादत का बयान किया। साथ ही कहा कि कर्बला में तीन दिन की भूख और प्यास की शिद्दत में नवासा ए रसूल को यजीदी लश्कर ने कत्ल कर दिया। मौलाना ने हजरत इमाम हुसैन के छः माह के बेटे हजरत अली असगर की शहादत का ज़िक्र किया जिस पर मौजूद लोगों की आंखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
इस दौरान अंजुमन पैगामे हुसैनी तिघरा, अंजुमन सज्जादिया मुफ्ती मोहल्ला, अंजुमन हैदरिया कुरापट्टी, अंजुमन गुलशने इस्लाम बाजार भूआ, अंजुमन अज़ाए हुसैन बबरखा, अंजुमन असगरिया पुरानी बाजार ने नौहा व मातम किया। शब्बेदारी में सोजखानी सैय्यद गौहर अली जैदी, पेशखानी तनवीर जौनपुरी एवम एहतिशाम जौनपुरी एवं निजामत विश्वविख्यात शायर हसन वास्ती एवं मौलाना शहंशाह मिर्जापुरी ने किया।
इस अवसर पर सैय्यद मोहम्मद जहूर, सैय्यद कौसर अली, सैय्यद शहज़ाद हुसैन, सैय्यद हैदर अली, सैय्यद जुल्फिकार अली, सैय्यद बशीर हसन अमन, सैय्यद नबी हसन, सैय्यद अब्बास अली, सैय्यद हसन रज़ा, सैय्यद नवाब हुसैन, सैय्यद हसनैन, सैय्यद मोनू आदि मौजूद रहे।
कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में हुआ मातम, शब्बेदारी में जुटीं अंजुमनें
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