संजय सक्सेना लखनऊ
लोकसभा चुनाव के लिये चुनाव आयोग आचार संहिता का कड़ाई से पालन कर रहा है। जिन अधिकारियों के खिलाफ पक्षपात की शिकायतें आ रही हैं, उन्हें पद से हटाया जा रहा है तो पैसे के लेन—देन पर भी आयोग पूरी नजर रखे है। यहां तक कि सरकारी कार्यालय भी इससे नहीं बचे हैं। कुल मिलाकर राजनीतिक दलों की तैयारियों के साथ चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव सकुशल सम्पन्न कराने के लिए अपनी कमर कस ली है। चुनाव की तारीखों का एलान करते ही चुनाव आयोग एक्शन में आ गया है जिसके रिजल्ट भी दिखने शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में सरकारी दफ्तरों से नेताओं की फ़ोटो हटाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं।
चुनाव आयोगी ओर से सभी शासकीय कार्यालयों से सभी राजनेताओं की तस्वीर हटाने के निर्देश दिए गए हैं। यह फैसला लोकसभा चुनाव को लेकर लागू हुई आदर्श आचार संहिता के चलते लिया गया है। हालांकि इस दौरान शासकीय कार्यालयों में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की तस्वीर लगी रह सकती है। इसके अलावा सभी नेताओं की तस्वीर सरकारी दफ्तर से हटने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव जितेंद्र कुमार ने सभी एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिव को पत्र भेज दिया है। साथ ही यूपी के सभी विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को भी पत्र भेजा गया है। इस तरह सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी सरकार के मंत्री समेत सभी राजनेताओं की फ़ोटो शासकीय दफ्तरों से हटाई जाएगी।
गौरतलब हो कि भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान कर दिया है जिसके चलते 16 मार्च से देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। देश में 7 चरणों में लोकसभा चुनाव सम्पन्न होंगे। 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी जबकि 26 अप्रैल को दूसरे चरण और तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को होगी। वहीं चौथे चरण की 13 मई, 5वें चरण की वोटिंग 20 मई को होनी है। इसके अलावा छठें चरण की 25 मई और 7वें चरण के लिए 1 जून को वोट पड़ेंगे। इसके लिए 26 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सरकारी कार्यालयों से हटेंगे मोदी-योगी सहित सभी नेताओं की फोटो
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