जौनपुर में जगह—जगह चलाया गया साइबर जागरूकता अभियानविशेषज्ञ ओपी जायसवाल ने साइबर अपराधों के प्रति लोगों को किया जागरूक
अजय पाण्डेय
जौनपुर। पुलिस अधीक्षक डा. अजय पाल शर्मा के निर्देशन एवं अपर पुलिस अधीक्षक नगर/ग्रामीण के पर्वेक्षण में समस्त क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी ने अपने थाना क्षेत्र के विद्यालय, सार्वजनिक स्थान, चौराहों पर लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया।
इस मौके पर साइबर एक्सपर्ट ओम प्रकाश जायसवाल सहित उनकी पूरी टीम ने जौनपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन व जिला अस्पताल में लोगों को साइबर से सम्बन्धित होने वाले क्राइम इन्टरनेट बैकिंग, एटीएम कार्ड/डेविड कार्ड/क्रेडिट कार्ड, ओलेक्स फ्राड, वालेट/यूपीआई से संबंधित धोखाधड़ी में सावधानियां, फेसबुक हैकिंग, बार कोड के माध्यम से होने वाले फ्राड, व्हाट्एप हैकिंग से बचाव, फर्जी वेबसाइट से होने वाले फ्राड के सम्बन्ध में सावधानियां, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, व्हास्टएप आदि सोशल साइट्स से हनी ट्रैप होने के संबंध में साइबर अपराध, सिम कार्ड के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, एटीएम कार्ड बदलकर होने वाले फ्रॉड, बायोमैट्रिक फ्रॉड, यूपीआई सम्बन्धी फ्रॉड, फोन काल के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, लाटरी का लालच देकर होने वाले फ्रॉड, आनलाइन एप के माध्यम से सामान खरीदने व बेचने से सम्बन्धित फ्रॉड तथा सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये टोल फ्री नंबर 1930 के बारे में बताया। साथ ही साइबर अपराध के संबंध में आँनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर विजिट करने हेतु बताया।
श्री जायसवाल ने साइबर अपराध से बचाव हेतु सुझाव के बारे में कहा कि किसी भी अंजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी जैसे एटीएम पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर ईमेल, मैसेज या किसी अन्य माध्यम से प्रेषित न करें। किसी भी अंजान व्यक्ति के द्वारा पेमेंट भुगतान/प्राप्त करने के लिए भेजे गये किसी भी क्यू आर कोड को स्कैन न करें, अन्यथा आपका खाता खाली हो सकता है। किसी भी प्रकार की बैंकिग सहायता के लिए गूगल द्वारा मिले नंबरों पर सम्पर्क न करें, बैंक द्वारा जारी किये गये हेल्पलाइन नंबरो पर ही संपर्क करें।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल फोन में सर्च करने पर आने वाले वाईफाई या ब्लूटूथ सिग्नल को एक्सेप्ट न करें एवं अनजान लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। साइबर अपराधी लोगों को ऑनलाइन ऐप में निवेश करने के लिए गुमराह कर देते हैं, ज्यादा रिटर्न का वादा करते हैं किंतु निवेश वापसी संदेहास्पद होती है। कभी भी त्वरित/जल्दी लाभ की उम्मीद में किसी भी संदेहास्पद ऐप्स में निवेश करने से बचें। किसी भी अंजान नंबर से आई कॉल पर सामने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की निजी/गोपनीय जानकारी न दें अन्यथा आपसे ठगी की जा सकती है। साइबर अपराधी विज्ञापन, ईमेल, फोन कॉल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लुभा सकते हैं या सरकारी प्राधिकरण का संदर्भ देते हुए लाभ का ऑफर देते हैं। कृपया किसी भी लालच में न आएं।
साइबर विशेषज्ञ ने बताया कि विभिन्न प्रकार की लॉटरी, कौन बनेगा करोड़पति, घर बैठे लाखों कमाएं, इतने दिन में दोगुना पैसा, रिवार्ड, कैशबैक, लकी कस्टमर इत्यादि के लालच में न आएं और अपने साथ होने वाली धोखाधड़ी से बचें। बहुत से लोग शॉपिंग करते वक्त बार-बार कार्ड नंबर एंटर करने की परेशानी से बचने के लिए अपना कार्ड नंबर और एक्सपायरी वगैरह उस साइट पर सेव कर लेते हैं, ऐसा ना करें। किसी भी वेबसाइट, सर्वर, मोबाइल या डेस्कटॉप पर क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स की डिटेल सेव न करें। अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर रहे हैं तो ऐसे कार्ड से पेमेंट करें जिसकी लिमिट कम हो। अगर आप डिजिटल वालेट से पेमेंट कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसमें भी पहले से पैसे ना पड़े हों जब आप शॉपिंग करें तभी पेमेंट ट्रांसफर करें।
श्री जायसवाल ने कहा कि सार्वजनिक साइबर कैफे में इंटरनेट का प्रयोग करने के बाद हिस्ट्री अवश्य डिलीट कर दें। अगर गूगल पे, फोन पे, पेटीएम जैसे ऑनलाइन पेमेंट, यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करतें हैं तो अच्छी तरह से ध्यान रखें कि आपको पैसे पाने यानी मनी रिसीव करने के लिए कभी भी किसी लिंक को क्लिक नही करना होता है। किसी भी वेबसाइट पर जरूरत से अधिक जानकारी देने से बचें, जैसे आपका अकाउंट नंबर, निजी गोपनीय जानकारी आदि। संभव हो तो उस वेबसाइट को इग्नोर कर किसी अन्य साइट का इस्तेमाल करें। इस अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।