पोर्टल पर बने कालम में स्थानीय गवाहों का हस्ताक्षर फर्जी बनाते हैं लेखपाल व कानूनगो
विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। सरकार का ऑनलाइन शिकायत पोर्टल जनसुनवाई अफसरों की लापरवाही से बेमतलब साबित हो रहा है। जनसुनवाई पर होने वाली शिकायतों का निस्तारण फर्जी दिखाकर लगातार गुमराह किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अफसर इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। शिकायत निवारण प्रणाली पर बने कालम में स्थानीय गवाहों के हस्ताक्षर भी फर्जी बना दिए जा रहे हैं।
मछलीशहर तहसील के सुजानगंज एवं बरईपार सर्किल में हल्का चोरहा में तैनात लेखपाल राजेश यादव ग्रामीण की समस्या का निस्तारण तहसील में बैठकर कर देते है। शिकायत निस्तारित कर गांव के दो लोगों का नाम गवाहों को श्रेणी में रखकर फर्जी तरीके से उनका हस्ताक्षर भी बना दिया जाता है।
चोरहा गांव में कुछ लोग मुख्यमंत्री पोर्टल पर अलग अलग प्रकरण को लेकर शिकायत किये। लेखपाल द्वारा शिकायत का निस्तारण जनसुनवाई पोर्टल पर कर दिया गया। जब शिकायतकर्ता जांच आख्या को निकाला तो पता चला की शिकायत में जिन गवाहों ने हस्ताक्षर किया है, वह फर्जी है और लेखपाल स्वयं उस हस्ताक्षर को बना लिया। एचडी सिंह एंड केजेएसके संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा भी एक शिकायत किया गया जिसमें लेखपाल द्वारा ग्राम प्रधान राजेपुर मंगला प्रसाद के हस्ताक्षर फर्जी बना दिए गए। शिकायत के संदर्भ में जब शिकायतकर्ता द्वारा प्रधान से पूछा गया तो उन्होंने शिकायत के संबंध में कोई जानकारी न होने की बात बताई।
लेखपाल द्वारा जनसुनवाई की आख्या को अधिकारी आंख बंद कर हस्ताक्षर कर मामले को निस्तारित कर देते हैं। लेखपाल के फर्जी हस्ताक्षर के मामले में एचडी सिंह एंड केजेएसके जनहित संगठन द्वारा शिकायत किया गया। नायब तहसीलदार कस्बा संतोष कुमार द्वारा उक्त प्रकरण से संबंधित मामले में जनसुनवाई पर बनाए फर्जी हस्ताक्षर पर कहना है कि गवाहों के हस्ताक्षर बहुत मायने नहीं रखते है। जो भी बात होगी, एक टीम बना दिया जाएगा। वही उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया का कहना है कि मामले का जांच किया जाएगा।