जौनपुर। मुसलमानों के चौथे खलीफा शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली अलै. के यौमे पैदाइश पर 13 रजब को सदर इमामबाड़ा में अंजुमन शमशीरे हैदरी द्वारा जश्ने मौलाए कायनात महफिल का आयोजन हुआ जहां देश के विख्यात उलेमाओं के साथ शायर मेराज मंगलौरी, शरर नकवी, सलीम बलरामपुरी, वाहिद गाजीपुरी, महफूज़ सुल्तानपुरी, रेहान जलालपुरी, जैन काजमी मुजफ्फरनगर ने नजराने अकीदत पेश किया। महफिल का संचालन जाफर आजमी ने किया।
महफ़िल के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने उपस्थित जनसमूह को मौला अली की विलादत की मुबारकबाद देते हुए कहा कि मौला अली के पदचिन्हों पर चलकर सभी समाज के लिए बेहतरी का काम करें। मौला अली ने हमेशा गरीबों, मजलूमों और कमज़ोरों की मदद की है। मौलाना सफदर हुसैन ज़ैदी ने हजरत अली के यौमे पैदाइश पर मुबारकबाद देखते हुए नौजवानों को उनकी शिक्षा ग्रहण करने की सलाह दी। हजरत अली पैगंबर हजरत मोहम्मद के दामाद और कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन के पिता थे। इस्लाम की शिक्षा के प्रचार-प्रसार में हजरत अली का बहुत बड़ा योगदान था। हजरत अली के जीवन और उनके विचारों को आज के युग की जरूरत है।
महफिल को खिताब करते हुए मौलाना सैफ आब्दी ने कहा कि हजरत अली ने अपने दौरे खिलाफत में एक ऐसा इंसाफ कायम किया कि समाज का हर तबका बड़ी ही आसानी से अपने हाकिम से अपना हक मांग सकता था। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद धनंजय सिंह, विशिष्ट अतिथि सभासद जगदीश प्रसाद मौर्य गप्पू एवम नवीन सिंह को धर्मगुरु मौलाना सफदर हुसैन ज़ैदी ने अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मौलाना अम्बर खान, मौलाना रज़ा अब्बास खान, मौलाना आसिफ अब्बास, मौलाना शाजान ज़ैदी, नौशाद हुसैन, मंजर हुसैन, संजय हुसैन, मोहम्मद अरशद, रिजवान, बबलू, दिलदार, चुनमुन आदि मौजूद रहे। अंत में नज़र का एहतीमाम किया गया जिसके बाद मौलाना सफदर हुसैन ज़ैदी ने मुल्क में अमन सलामती के लिए विशेष दुआ कराई। अन्त में संयोजक नौशाद हुसैन ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
मौला अली के जन्मदिन पर इमामबाड़ा में सजी महफिल
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