जौनपुर। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा की इकलौती बेटी फात्मा ज़हरा सलामुल्ला अलैहा की शहादत को लेकर तीन दिवसीय मजलिस शुरू हो गया। प्रथम दिन हुज्जत उल इस्लाम मौलाना सैय्यद ज़फ़र अली रिज़वी अकबरपुर अम्बेडकरनगर, मौलाना सैय्यद नदीम रज़ा ज़ैदी अध्यापक वसीक़ा अरबी कालेज अयोध्या, हुज्जत उल इस्लाम मौलाना सैय्यद अशरफ अली ग़रवी वकील मरजा ए तकलीद आयतुल्ला उल उज़्मा सैययद अली सिस्तानी लखनऊ, हुज्जत उल इस्लाम मौलाना मुशीर अब्बास खां सुल्तानपुर ने ख़िताब किया।
आयतुल्ला उल उज़्मा सैययद अली सिस्तानी के वकील हुज्जत उल इस्लाम मौलाना सैय्यद अशरफ अली ग़रवी ने क़ुरान की आयतों के हवाले से यह पैग़ाम दिया कि मुसलमान अल्लाह की रस्सी को मजबूती से थामे रहे आपस में एकतेलाफ न करें। एकता ही है जो समाज को बुलन्दी अता कर सकती है। सभी मजालिसों में ज़ाकेरीन ने हज़रत फात्मा की सीरत बयान की और उनके मसायब जो ग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा की वफात के बाद उन पर गुज़रे उन मसायब को सुनकर मजलिसों में हाज़िर मोमेनीन की आंखें अश्कबार हो गईं।
दूसरे रोज़ की मजलिसों में हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद सज्जाद हुसैन रिज़वी पटना, हुज्जत उल इस्लाम मौलाना शब्बीर आग़ा हैदराबाद, हुज्जत उल इस्लाम मौलाना सैय्यद तहक़ीक़ हुसैन रिज़वी इमामे जुमा भाव नगर हुज्जत उल इस्लाम मौलाना सैय्यद क़मर हसनैन रिज़वी ईरानी कल्चरल हाऊस नई दिल्ली ख़िताब किये। संचालन मौलाना सैयद आबिद रिजवी मोहम्मदाबादी अध्यापक जामिया इमानिया नासिरया एवं आकिब बरसवी ने संयुक्त रूप से किया।