डा. प्रदीप दूबे
सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के हनुमान मन्दिर समिति चौबाहा-बासगांव के तत्वावधान में मन्दिर प्रांगण में आयोजित पञ्चदिवसीय रामकथा के चतुर्थ दिवस पर उपस्थित भक्तों को आध्यात्मिक राम कथा का रसपान कराते हुए मानस कोविद डॉ. मदन मोहन मिश्र ने राम वन गमन की कथा श्रवण कराते हुये कहा कि श्री राम चन्द्र के साथ 14 वर्षों के लिये नवासी जाने को उद्यत लक्ष्मण माता सुमित्रा से आदेश मांगने के लिये जाते हैं तो माता सुमित्रा ने लक्ष्मण से यह कहकर उन्हे आश्चर्य में डाल दिया कि “तुम्हरे भाग राम बन जाहीं। दूसर हेतु तात कछु नाहीं।।
लक्ष्मण के भ्रम को दूर करते हुये माता सुमित्रा ने कहा कि पृथ्वी पापाचार, अनाचार, अत्याचार से त्रस्त है, तुम्हारा शेष का अवतार है, पृथ्वी के भार का वहन तुम करते हो, इसलिए पृथ्वी के भार को कम करने के लिये तुम्हारे भाग्य सें राम बन को जा रहे है। माता ने लौकिक जगत के विकारों से दूर रहने की सीख देते हुये कहा” राग रोष ईर्ष्या मद मोहू। सपनेहुं जनि इनके बस होहू।।
सांसारिक वासनाओं से विरक्त होने का ज्ञान कराते हुये डाॅ. मिश्र ने कहा कि वासनाओं में आसक्ति मृत्यु और इच्छाओं के त्याग के उपरांत प्राणों का त्याग होना हीं मोक्ष है। कथा ब्यास मानिक चन्द तिवारी ने भी उपस्थित श्रोताओं को राम कथा का रसपान कराया। रामकथा में क्षेत्रीय विधायक रमेश सिंह व क्षेत्र पंचायत प्रमुख प्रतिनिधि डॉ. उमेश चन्द्र तिवारी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील उपाध्याय
ने रामकथा का रसपान किया। कार्यक्रम का संचालन अजीत प्रजापति ने किया। आयोजक मण्डल में विजय प्रकाश तिवारी, संदीप तिवारी, पवन तिवारी, अभिषेक तिवारी, अखिलेश तिवारी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।