- आग से जली किशोरी को तमाम चिकित्सक दे चुके थे जवाब मगर यहां मिला लाभ
शुभांशू जायसवाल/श्यामधनी यादव एडवोकेट
जौनपुर। नगर के नईगंज में स्थित बंशराजी चाइल्ड हॉस्पिटल रिफर मरीजों को जीवनदान दे रहा है। अब तक कई मामले ऐसे भी सामने आये जिनके घरों की उजड़ती गृहस्थी को अस्पताल की प्रख्यात बाल रोग विशेषज्ञ डा0 मंजू यादव ने बचा लिया। ऐसे में उन्हें चिकित्सा जगत में जहां एक अलग मुकाम मिल रहा है, वहीं ठीक होने वाले मरीज के परिजन साधुवाद देते नहीं थक रहे हैं।
बता दें कि बीते 27 फरवरी को मडिय़ाहूूं के रामदयालगंज स्थित सिकन्दरपुर गांव निवासी शिव प्रसाद वर्मा की 14 वर्षीया पुत्री खुशी अबूझ हाल में आग की चपेट में आने से गंभीर रूप से जल गयी। परिजन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गये परन्तु रात भर रखने के बाद सुबह वहां से जवाब मिल गये। इसके बाद उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां भी उसकी बिगड़ी स्थिति देख उपचार की बात तो दूर डाक्टर ने हाथ तक नहीं लगाया। इसके बाद उसे बीएचयू ले जाने की तैयारी हो रही थी लेकिन किसी के कहने पर उसे नगर के नईगंज स्थित बंशराजी चाइल्ड हॉस्पिटल की नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा0 मंजू यादव के यहां ले जाया गया।
परिजनों के अनुसार उस समय किशोरी की स्थिति एकदम बिगड़ चुकी थी। उसके शरीर का आधा भाग पूरी तरह से तो जला था। सांस भी नहीं ले पा रही थी। नब्ज कमजोर होने के साथ बीपी भी कमजोर हो गयी थी। सारे अंग-प्रत्यंग शिथिल हो चुके थे। फिर भी उन्होंने साहस का परिचय देते हुए अपने यहां भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया। दो दिन तक वह अचेत ही रही परन्तु तीसरे दिन उसके मुंह से आवाज निकलने लगी। तब घर के सदस्यों के मुरझाये चेहरे पर खुशी दिखने लगी। हालंाकि उसी दिन से उसकी हालत में सुधार होने लगा। सप्ताह भर बाद और सुधार होने पर दलिया भी दिया जाने लगा और वह सहारे से चलने भी लगी।
किशोरी की जिन्दगी से निराश हो चुके परिजन के आँखों से उसके चेहरे पर मुस्कान देख खुशी के आंसू टपक पड़े। उसके स्वास्थ में तेजी से सुधार होने पर शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। महिला चिकित्सक के इस उपलब्धि से परिजन फूले नहीं समा रहे हैं। वह एक—दूसरे से उनकी प्रशंसा भी करते नहीं थक रहे हैं। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अगर हम यहां पर न आये होते तो शायद खुशी की जान न बचती। डा0 मंजू यादव ने बताया कि हमने पूरा प्रयास किया और सफलता हाथ लगी। अब उसके शरीर पर कोई विकृति नहीं है। खा-पी रही है और स्वयं चल भी रही है। रूटीन चेकअप के लिए सप्ताह भर बाद अस्पताल बुलाया गया है।
उन्होंने इस तरह के मरीजों के परिजन को सलाह दिया कि महानगरों जैसी सुविधा अब जिले के अस्पतालों में भी उपलब्ध है। जरूरत इस बात की है कि मरीज के परिजन अपने चिकित्सक पर भरोसा करें। निश्चित लाभ होगा। किशोरी को ठीक करने में डा0 मंजू यादव के अलावा अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा0 अवधेश यादव, मैनेजर राम अवध, राजाराम यादव, जितेन्द्र निषाद, दुर्गेश यादव, आकांक्षा विश्वकर्मा, कृष्णा यादव आदि का योगदान सराहनीय रहा।