Monday, April 29, 2024
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परिवहन निगम की बसों के चालक—परिचालक बने बेलगाम

  • बेअंदाज में गाड़ी चलाते हुये राहगीरों को ठोंक देते हैं
  • पूछने व विरोध करने पर मारपीट पर हो जाते हैं आमादा

अजय पाण्डेय
जौनपुर। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों के चालक एवं परिचालक बेलगाम संविदा में रखे गए चालकों की भरती खुलेआम लेन—देन से की गई है। इसका स्पष्टीकरण सड़क परिवहन चलाते समय उनकी सूझ—बूझ और चालक की कौशलता को देखकर के कोई भी व्यक्ति यह निर्धारित कर सकता है कि यह कुशल चालक नहीं है। संविदा भर्ती के चालक एवं परिचालक उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को अपनी जागीर और सड़क को ग्राम समाज का पट्टा समझकर बसों को चलाते हैं।
संविदा चालकों द्वारा आए दिन दुर्घटनाएं हो रहे हैं। इन चालकों को किस योग्यता पर इनकी नियुक्ति की गई है, यह विचारणीय प्रश्न है। आए दिन रोडवेज बसों से ही ज्यादा दुर्घटनाएं क्यों होती हैं? क्या विभाग अथवा शासन सत्ता के लोगों ने जानने की आवश्यकता समझी? यदि नहीं तो उन्हें संविदा भर्ती करने और कराने वाली एजेंसी एवं उनमें सम्मिलित अधिकारियों द्वारा किस आधार पर नियुक्ति की जाती है, यह एक यक्ष प्रश्न है। सड़कों पर नियुक्त यातायात निरीक्षक द्वारा किसी चालक द्वारा यातायात नियमों का उलंघन करने वालों पर किसी भी प्रकार से दण्डित किया गया तो शायद नही इनकी बसों से दुर्घटना में किसी भी प्रकार क्षति होती है। यहां तक कि मृत्यु तक हो जाने पर उन्हें दोष मुक्त कर दिया जाता है।
इसी क्रम में बीते 8 दिसम्बर को जौनपुर रोडवेज पर कैंट डीपो की बस संख्या यूपी 78 AT—3927 बनारस से लगभग 6.30 बजे शाम को रोडवेज में प्रवेश करते समय बैक करने में पत्रकार की मारुति सुजुकी यूपी 62 C—2646 कार में ठोक दिया जिससे पत्रकार के वाहन में काफी क्षति हुई। चालक काशी राम शर्मा से पूछने पर परिचालक बेलगाम होकर गाली गलौज करने लगा। उसने कहा कि बस तो ऐसे ही चलेगी। जिसको मरना हो, वह सामने आये। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। काफी देर विवाद के पश्चात स्थानीय रोडवेज कर्मचारियों के बीच—बचाव से किसी तरह मामला शांत हुआ परन्तु ऐसे चालक परिचालक पर दंडनीय कार्यवाही होनी चाहिए।

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