Monday, April 29, 2024
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बीमारी से बचाव का सुरक्षा कवच है स्तनपान, मां का दूध सम्पूर्ण आहार

  • समापन अवसर पर आयोजित गोष्ठी में गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं को किया गया जागरूक
  • स्तनपान कराने से कम हो जाती है कैंसर की सम्भावना, कई अन्य बीमारियों से बच जाती हैं मां

शुभांशू जायसवाल
जौनपुर। विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन अवसर पर सोमवार तीर्थराज हास्पिटल कलीचाबाद में स्तनपान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शिखा शुक्ला ने गर्भवती महिलाओं को स्तनपान से शिशु एवं माँ को होने वाले फायदे से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मां का दूध एक संपूर्ण आहार है। स्तनपान आपके लाडले के लिए बीमारी से बचाव का सुरक्षा कवच है।
डा. शुक्ला ने कहा कि स्तनपान कराने से स्तन कैंसर की संभावना कम होती है। शिशु को स्तनपान कराने से प्रसव से पहले खून बहना और एनीमिया की संभावना को कम करता है। स्तनपान कराने से मां को अपनी पुरानी शारीरिक संरचना प्राप्त करने में सहायता करता है और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच मोटापा सामान्यतः कम पाया जाता है।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. मुकेश शुक्ल ने कहा कि नवजात को पहले छह महीने तक सिर्फ मां का दूध देना चाहिए। मां का दूध बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है और कई संक्रमित बीमारियों से बचाती है। उन्होंने बताया कि शिशु को स्तनपान कराने से शिशु की मृत्यु दर को कम करता है।

मां को शिशु को दो वर्ष से अधिक समय तक स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए। बोतल से दूध पिलाना शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। शिशु को डायरिया बीमारी से ग्रस्त कर सकता है। स्तनपान कराने के दौरान धूम्रपान अथवा शराब का सेवन न करें। गोष्ठी को वरिष्ठ चिकित्सक डा. आदित्य निगम, डा. विकास यादव, डा. पवन चौरसिया, डा. शशांक श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया। प्रबंधक डा. नीलेश शुक्ला ने आगंतुकों के प्रति आभार जताया।

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