Monday, April 29, 2024
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कम्पोजिट विद्यालय नूरपुर के बच्चे भी बने साक्षी

सुरेरी, जौनपुर। भारत में अमृत काल प्रारम्भ हो चुका है। इस बात को इसरो के वैज्ञानिकों ने स्वतंत्रता दिवस के तुरन्त बाद 23 अगस्त को सिद्ध कर दिया। जब चन्द्रयान-3 सफलतापूर्वक चन्द्रमा की सतह पर उतरा और उसके लैंडर ने यह संदेश प्रसारित किया।

साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग ने भी इतिहास रचते हुये पहली बार सायंकाल अपने विद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया जिससे हमारे नन्हे-मुन्ने भी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने एवं उनकी रूचि विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में बढ़े।

कम्पोजिट विद्यालय नूरपुर के प्रांगण में भारी संख्या में अभिभावकों, विद्यार्थियों एवं क्षेत्रवासियों की भीड़ ने विक्रम लैंडर के कारनामे को देखा। प्रधानाध्यापक जितेन्द्र गिरि के नेतृत्व में विद्यालय परिवार ने लैपटाप, प्रोजेक्टर आदि की समुचित व्यवस्था की थी जिससे परिसर के किसी भी भाग से प्रसारण को स्पष्ट देखा जा सकता था। इस अवसर पर तमाम लोग उपस्थित रहे।

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