Sunday, April 28, 2024
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शैक्षणिक टूर लाये गये प्राथमिक स्कूल के बच्चे, शाही किला देखते ही खिले चेहरे

राजेश श्रीवास्तव
जौनपुर। कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर प्राथमिक स्कूलों के बच्चो को भी शैक्षणिक टूर पर ले जाने की परम्परा की शुरूआत हो चुकी है। इसी कड़ी में शनिवार को बक्शा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय के रन्नों के बच्चों को जनपद की सांस्कृतिक विरासतों को जानों सोच की तहत बच्चों को शाही किला और कृषि भवन के लोहिया पार्क में ले जाया गया। पहली बार किला को देखकर बच्चों के चेहरे पर अलग मुश्कान दिखाई पड़ी।
सत्र 2023-24 की त्रैमासिक उपस्थिति के आधार पर अधिकतम उपस्थिति वाले बच्चों को उपहार एवं प्रोत्साहन स्वरूप तथा अन्य बच्चों हेतु प्रेरणास्वरूप एक अभिनव प्रयोग करते हुए कंपोजिट विद्यालय रन्नो के बच्चों को प्रथम शैक्षणिक भ्रमण पर जौनपुर के ऐतिहासिक शाही किले एवं जिला कृषि उद्यान में ले जाया गया। शिक्षिका प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ गोरखनाथ पटेल एवं खंड शिक्षा अधिकारी बक्शा द्वारा प्रोत्साहन एवं अनुमति प्राप्त करने के उपरांत हम सभी टूर हेतु बस से रवाना हुए। बस में बच्चों उत्साह देखते ही बन रहा था, मौसम ने भी खूब साथ दिया, गाते मुस्कुराते, खिलख़िलाते सफर जल्दी ही बीत गया, जैसे ही बच्चे किले के अंदर गए उनके खिले चेहरे देखकर एक बार जैसे बहुत भावुक सी हो गई थी।
किले में शिक्षकों ने बच्चों को शाही किले के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया तथा बच्चों ने विभिन्न शिलालेख भी पढ़े, किले की भव्यता एवं खूबसूरती बच्चों के आकर्षण का केंद्र रही। साथ ही बच्चे खूब खेले कूदे भी। कृषि पार्क में तो जैसे बच्चों को उनकी फेवरिट चीज ही मिल गई थी। ओपन जिम और झूलों पर बच्चों ने खूब आनंद किया। साथ ही विविध प्रकार के फूल और पौधों को भी देखे और ज्ञानार्जन किये। बच्चों के लिए लंच पैकेट, पानी तथा स्नैक्स की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शाम को टूर के सकुशल समापन तथा बच्चों के सकुशल घर पहुंचने की जानकारी भी ली गई। शिक्षिका के अनुसार शैक्षणिक भ्रमण एक तरफ जहां विद्यार्थी जीवन के रोमांचक और अति सुखद पलों में से एक होता है। वहीं दूसरी ओर बच्चों के अंदर जिज्ञासा, कल्पनाशीलता, अनुभव तथा सृजनात्मक चिंतन को पुष्ट करते हुए उल्लास एवम आनन्द से पढ़ने आगे बढ़ने को प्रेरित करेगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी विद्यालय के बच्चों में आत्मविश्वास एवं श्रेष्ठता का भी भाव विकसित करेगा।

शिक्षिका ने कहा हमारे जनपद में भी ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल है जोकि पुरातात्विक महत्व रखते हैं। हमें हमारे बच्चों को इन सांस्कृतिक विरासतों को ही दिखाकर शुरुआत करनी चाहिए जिससे उनके अंदर इनके लिए सम्मान और सुरक्षा का भाव भी विकसित हो और वे गर्वान्वित भी हों।
पौधरोपण की जमीनी समझ तथा बागबानी की खूबसूरती तथा उनके रख रखाव की उपयोगिता समझ तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से कृषि उद्यान ले जाया गया। इसी प्रकार आगे भी समय-समय पर अपने जनपद की नदियों, तपस्थली तथा अन्य सांस्कृतिक विरासतों के शैक्षणिक भ्रमण हेतु जाते रहेंगे। प्रभारी प्रधानाध्यापक नूरजहाँ, प्रीति श्रीवास्तव, केके सिंह, ज़ाहिरा बेगम, प्रदीप गौतम, ओपी यादव, आलोक कुमार, आशीष दूबे, अलमदार इत्यादि अध्यापकों ने टूर को सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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