- पूछे जाने पर अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं
तरूण चौबे
सुजानगंज, जौनपुर। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पलीता लगाने से नहीं चूक रहे ग्राम के विकास से संबंधित ब्लाक अधिकारी। जहां प्रदेश सरकार की मंशा है कि सभी गांवों में सम्पूर्ण विकास होना चाहिए, वहीं सुजानगंज ब्लाक में विकास फाइलों तक ही सीमित होकर धरातल पर पहुंचने में असमर्थ दिखाई पड़ रहा है।
बताते चलें कि सुजानगंज ब्लॉक स्थित 98 ग्रामसभा हैं। राजस्व गांव मिलाकर 105 बनते जिनमें देवापुर, बेलवार, तारपट्टी, पतहना, गोपालपुर, तरसआंव, इटहा, दीपकपुर, करनौली, घघरिया, सरायकेवट जैसे लगभग 22 गांव है जहां शौचालय के नाम पर धनराशि पूरी निकल गयी है परंतु निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं। सरकार गांधी जी की सपनों की सरकार करने के नाम पर स्वच्छता पर विशेष जोर दी है तो सुजानगंज में भी कहीं यदि शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण कराकर शौचालय चालू कर दिया गया है तो वहां सफाई न होने से पूरे शौचालय में गन्दगी का अंबार लगा है।
गांवों की स्वच्छता एवं विकास के लिए प्रधान, सफाईकर्मी से लेकर खंड विकास अधिकारी तक नियुक्त हैं। ऐसे में गांव की इस प्रकार की दैनिय दशा तथा इन समस्याओं के संदर्भ में पूछे जाने पर एडीओ पंचायत इंद्रभूषण दुबे का कहना है कि इस संदर्भ में बाद में बात करेंगे। कहीं यह तो साबित नहीं करता कि वास्तव में सुजानगंज में विकास के नाम पर अधिकारी सिर्फ कागजों पर घोड़े दौड़ाने का कार्य हो रहा है।