राकेश शर्मा
खेतासराय, जौनपुर। ऐशबाग ईदगाह इमाम लखनऊ व पर्सनला बोर्ड के सदस्य मौलाना ख़ालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि तालीम के गुणवत्ता के साथ ही नौनिहालों की तरबियत भी जरूरी है। सभ्य समाज का निर्माण तालीम के ही बदौलत हो सकता है। संविधान और मज़हब किसी भी भाषा को सीखने से नही रोकता है। समाज में बदलवा के लिए शिक्षण संस्थानों का खोला जाना आवश्यक है। वह रविवार को गोरारी स्थित आसमा ग्रुप कालेज में वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। साथ ही कहा कि मायूसी से किसी भी समस्या का निदान नहीं होता है। अशिक्षाएं सभी कौमों में है। बच्चों में कम्पटीशन का माहौल उतपन्न करना चाहिए जिससे वह देश की सेवा में अपना अहम योगदान दे सकें।हालांकि फिरंगी महली अपने 20 मिनट के उद्बोधन में एसआईटी के रिपोर्ट पर 13 हज़ार बंद होने जा रहे मदरसे पर कुछ भी बोलने से परहेज़ किया।
विशिष्ट अतिथि विधायक नफ़ीस अहमद ने शिक्षा पर बल देते हए कहा कि समाज में फैली कुरूतियों को शिक्षा ही बंदिश लगा सकती है। समारोह को पूर्व मंत्री मुईद अहमद, केजीएमयू लखनऊ के प्रो. कौशर उस्मान, आरएलडी नेता वसीम अहमद, वरिष्ठ पत्रकार अशफ़ाक अहमद ने भी सम्बोधित किया। इसके पहले छात्रों ने कई संस्कृति कार्यक्रम परस्तुति करके सभी को मन्त्र—मुग्ध कर दिया। अध्यक्षता मौलाना वहीद क़ासमी ने किया।
इस अवसर पर मौलाना सूफ़ियान निज़ामी, हम्माम वहीद, अरशद आज़मी, तौक़ीर सिद्दीकी, आदिल प्रधान, अदनान खान, इरफ़ान अहमद पूर्व प्रधानाचार्य, डॉ वकील, बेलाल जावेद समेत तमाम लोग मौजूद रहे। अन्त में स्कूल के प्रबंधक अम्मार वहीद ने सभी का आभार व्यक्त किया।
संविधान व मजहब किसी भी भाषा को सीखने से नहीं रोकता: फिरंगी महली
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