- भगवान के धनुष तोड़ते ही जय श्रीराम के लगे नारे
चन्दन अग्रहरि
शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय नगर के कलेक्टर गंज श्रीराम लीला समिति द्वारा चल रहे लीला मंचन में धनुष यज्ञ, परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का मंचन हुआ। श्रीराम लीला मंच पर स्थानीय कलाकारों ने अपने मंचन से श्रद्धालुओं को भाव—विभोर कर दिया। कलाकारों ने दिखाया कि जनकपुरी में सीता स्वयंवर के लिए दूर-दूर से राजा, महाराजा और राजकुमार आए हुए हैं।
सभी एक-एक कर धनुष को उठाने का प्रयास करते हैं लेकिन वह धनुष को हिला नहीं पाते हैं। इससे राजा जनक दुखी मन से कहते हैं कि मेरी पुत्री कुंवारी रह जाएगी। लगता है कि धरती वीरों से खाली हो गई है। इतना सुनते ही लक्ष्मण जी क्रोध से भर जाते हैं और कहते हैं कि एक धनुष क्या मैं दस धनुष को तोड़ सकता हूं लेकिन मेरे बड़े भाई श्रीराम यहां बैठे हैं। मैं यह कार्य नहीं कर सकता। गुरु विश्वामित्र राम को आज्ञा देते हैं।
राम उठकर बड़ी शालीनता से धनुष को प्रणाम करते हैं और उसे उठा लेते हैं। राम धनुष पर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाते हैं, धनुष टूट जाता है। धनुष के टूटते ही आकाश से देवता फूलों की बारिश करते हैं। धनुष टूटते ही धरती उसकी गर्जना से कांप उठती है। महेंद्र पर्वत पर तपस्या में लीन भगवान परशुराम की तपस्या भंग हो जाती है। वह राजा जनक के दरबार में पहुंच जाते हैं और खूब आक्रोशित होते हैं। लक्ष्मण जी के साथ उनका संवाद होता है। तब श्रीराम आकर उनका क्रोध शांत करते हैं। इसके बाद माता सीता भगवान श्रीराम के गले में वरमाला पहनाती हैं। पूरा वातावरण जय श्रीराम के नारों से गूंज उठता है।
वहीं व्यास जी भूमिका में भुवनेश्वर मोदनवाल छोटू निभा रहे हैं। श्रीराम लीला समिति के अध्यक्ष संदीप जायसवाल ने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से भगवान श्रीराम चंद्र के बारात में सम्मिलित होने व उनका विवाह से देखने की अपील की। इस धनुष यज्ञ को सफल बनाने में महामंत्री सर्वेश चौरसिया, अर्पित जायसवाल, रजनीश मोदनवाल, सुनील जायसवाल, गिरिधारी अग्रहरि, अजय अग्रहरि, कालीचरण जायसवाल, आलोक जायसवाल, अजेंद्र अग्रहरि, शिव कुमार नेता, रचित चौरसिया, मनोज अग्रहरि, विशाल मोदनवाल, पावन जायसवाल, शुभम जायसवाल, मिथुन आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।