जौनपुर। जिले की थानों का हाल ऐसा है कि थाने पर एक आम आदमी को सही घटना का मुकदमा दर्ज कराना हो तो पीड़ित को जांच पड़ताल के जाल में उलझाकर पुलिस उसे दौड़ाते-दौड़ाते उसके पसीने छुड़वा देती है और मुकदमा दर्ज कर विवेचना न करना पड़े, इसके लिए हर जुगत लगाती है परंतु मामला यदि रसूखदार का हो तो कोई जांच पड़ताल नहीं होती और मुकदमा बड़े ही आराम से दर्ज हो जाता है। घटना फर्जी ही क्यों न हो। यह बात इन मुकदमों में आरोपित रवि प्रकाश के जीजा उत्कर्ष द्विवेदी ने कही।
जौनपुर में रवि प्रकाश के विरुद्ध दर्ज तीनो मुकदमे में उत्कर्ष द्विवेदी का भी नाम है। अपने ऊपर लग रहे फर्जी मुकदमों की शिकायत बीते बुधवार को उत्कर्ष द्विवेदी ने जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री से किया है। उत्कर्ष द्विवेदी मूल रूप से प्रयागराज के छतनाग झूंसी के निवासी है। उन्होंने बताया कि जौनपुर में दर्ज तीनों मुकदमें में मेरे साले के साथ मेरा भी नाम डाल दिया गया है। जिन लोगों ने मेरे विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है, मैं उन्हें जानता-पहचानता भी नहीं हूं।
जौनपुर में मेरे विरुद्ध दर्ज हुए मुकदमे की जानकारी मुझे तब हुई जब एक अखबार में खबर का प्रकाशन हुआ। इसके बाद मैं पुलिस अधीक्षक जौनपुर को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाया है। शाहगंज कोतवाली पर जिस दिन की घटना दिखाकर मेरे विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है, उस दिन मेरी सिविल जज (कनिष्ठ श्रेणी) की मुख्य परीक्षा थी। इससे यह साफ हो गया है कि पुलिस लगातार फर्जी मुकदमा दर्ज करके मुकदमे में सभी आरोपितों से पैसा ऐठने की चक्कर में है और इनका भरपूर सहयोग जिले के कुछ पुलिस के बड़े अधिकारी भी कर रहे हैं।