Sunday, April 28, 2024
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डिजिटल दुनिया महिलाओं के लिये सशक्त हथियार: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

शिक्षा से ही आ सकती है लैंगिंग समानता: नलिनी मिश्रा
कानूनी ज्ञान से ही महिला समानता सम्भव: मनीषा झा
डिजिट आल: इन्नोवेशन एण्ड टेक्नोल़ॉजी फॉर जेण्डर इक्वैलिटी पर हुआ वेबिनार
शुभांशू जायसवाल/अजय विश्वकर्मा
सिदृदीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्र के तत्वावधान में मंगलवार को एक वेबीनार का आयोजन किया गया। इसका विषय डिजिट ऑल: इन्नोवेशन एंड टेक्नोल़ॉजी फॉर जेंडर इक्वैलिटी।
इस मौके पर अध्यक्षता कर रहीं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि ऐसे दिवस मनाने का उद्देश्य होता है कि लोगों की उस विषय को लेकर जागरूकता बढ़ायी जाई। नारियों में वह शक्ति है कि वह अपने अधिकारों को अपने कार्यों से ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया महिलाओं के लिए एक सशक्त हथियार है। उन्होंने कहा कि नारियां दुनिया की सबसे सुन्दर कल्पना है और नारियों के लिए कोई भी चीज नामुमकिन नहीं है।
विशिष्ट वक्ता नलिनी मिश्रा ने कहा कि शिक्षा वह यंत्र है जिससे हम लैंगिक समानता ला सकते है। डिजिटल माध्यमों की सहायता से हम महिलाओं को जोड़कर शिक्षित कर सकते हैं। डिजिटल माध्यमों से ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को भी जोड़कर उन्हें शिक्षा प्रदान की जा रही है। डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल इतना आसान है कि हम सभी इसका उपयोग कर सकते हैं।
विशिष्ट वक्ता मनीषा झा ने कहा कि कानूनी ज्ञान से ही महिला समानता संभव है। नई तकनीकी के आने से महिलाओं को कई क्षेत्र में समानता मिली है। वेबीनार का संचालन डॉ. सोनम और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर डॉ. अनु त्यागी, हेदायत फात्मा, आंचल सिंह, रिशु मौर्य, सूरज यादव, सोनी यादव, संस्कार श्रीवास्तव सहित तमाम लोग वेबीनार से जुड़े रहे।

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