जी-20 में विकसित देश सुनेंगे विकासशील देशों का दर्द
शासन के अम्बेसडर ने संगोष्ठी में बतायी जी-20 की विशेषता
अजय विश्वकर्मा
सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में जी-20 द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रामवंत गुप्ता ने कहा कि जी-20 देशों का एक समूह है। यह एक ऐसा समूह है जिसमें विकसित और विकासशील दोनों देश शामिल है। इसका लाभ यह है कि अगर कोई विकासशील देश इस ग्रुप में अपना मुद्दा रखता है तो विकसित देश को भी उसकी बात सुननी होगी।
उन्होंने भारत के जी-20 की अध्यक्षता करने के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि भारत इस समिट में अपनी विविधता में एकता संस्कृति का प्रस्तुतिकरण करेगा। मोटे अनाज में न्यूट्रीशियन का अंबार है। इसके उपयोग से विश्व बाजार में भारत को मोटा अनाज के निर्यात करने का एक बड़ा अवसर मिलेगा। मोबाइल, फ्रिज और इलेक्ट्रॉनिक्स के कई पार्ट को उत्तर प्रदेश में बनाया जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश की जीडीपी में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे हमें विदेशी निवेश और निर्यात में फायदा होगा। खास तौर से उत्तर प्रदेश में विनिवेश होने का महत्वपूर्ण कारण सुशासन है।
विषय प्रवर्तन डॉ मनोज पांडेय ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ जान्हवी श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर जी-20 अम्बेसडर डॉ मनोज पांडेय, डॉ रेखा पाल, मंगला प्रसाद, डॉ अंकित कुमार, डॉ इंद्रजीत, आँचल सिंह, किशन जायसवाल, हिदायत फात्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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