रियाजुल हक
जौनपुर। शहर के मछलीशहर पड़ाव स्थित फैजबाग में अब्दुल रहीम शाह पीर बाबा का 554वां उर्स मनाया गया। मौके पर दस्तूर के मुताबिक अपने कदीमी रास्तों से होते हुए सबसे पहले चादर मुबारक हो लाया गया। उसके बाद चादरपोशी की गई। वहीं शहर नहीं, वरन दूर—दराज गांव व दूसरे जिलों से पहुंचे हजारों की संख्या में लोगों ने हजरत की दरगाह पर हाजिरी लगाकर देश और दुनिया में अमन व सलामती की दुआ मांगी। मौके पर देर रात तक विभिन्न गांव वालों ने मनमोहक कव्वालियां गाकर समा बांधी।
इस मौके पर खादिम नायब सदर नज्मे आलम ने बताया कि हजरत चिश्ती रहमतुल्ला अलेह आज से लगभग 500 साल पहले लोगों को सही राह दिखाने के लिए यहां तशरीफ लाए थे। यह मूल रूप से अफगानिस्तान के रहने वाले थे जो यहां फैली हुई विभिन्न प्रकार की कुर्तियों और बुराइयों के खिलाफ लोगों को समझा-बुझाकर उनको इंसानियत का रास्ता दिखाएं। आप हमेशा तपस्या में लीन रहते थे जिसके कारण आपकी आंखें सूरज के समान लाल हो गई थी। दूर-दूर से आकर आज भी लोग इनके आस्ताने पर फैजियाब होते है।
इस अवसर पर सेक्रेटरी ताज मोहम्मद, शेख मुन्ना, अब्दुल जब्बार वारसी, जीशान हैदर, रियाजुल, दिलदार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
धूमधाम से मना हजरत अब्दुल रहीम शाह का सालाना उर्स
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