अजय पाण्डेय
जौनपुर। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में शहरी आशाओं के मॉड्यूल 6-7 के प्रथम चक्र के प्रशिक्षण का आयोजन 5 से 20 जनवरी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मातापुर में किया गया। इस मौके पर आशाओं को गृह आधारित नवजात शिशु की देखभाल करने और गर्भवती माताओं का प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान और प्रसव पश्चात सेवाएं देने हेतु कौशल सिखाए गये जिससे अब आशाएं प्रेरक ही नहीं, बल्कि सर्विस प्रोवाइडर के रूप में कार्य करेंगी। वरिष्ठ प्रशिक्षक डॉ एके त्रिपाठी निदेशक अभिनव सेवा संस्थान ने बताया कि मातृ और बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए यह प्रशिक्षण बहुत ही सहायक होगा।
इसमें आशाओं को नवजात शिशु का घर पर ही देखभाल करना, संक्रमण से बचाव के लिए हैंडवास करना, बच्चे के जन्म लेने से प्रथम दिन से लेकर 3-7-14-21-28 और 42वें दिन घर पर जाकर बच्चे का तापमान और वजन ज्ञात करना तथा विभिन्न रोगों के खतरे के लक्षण पहचान कर तुरंत हॉस्पिटल भेजने हेतु प्रेरित करना होगा। प्रशिक्षण के उपरांत आशाओं का लिखित और मौखिक परीक्षा भी हुई जिसमें उत्तीर्ण आशाएं क्षेत्र में कार्य करेंगी। परीक्षा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मातापुर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटघरा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रसूलाबाद की आशाओं ने प्रतिभाग किया।
प्रशिक्षक के रूप में रामजी भारती चिकित्सा अधिकारी, डॉ अशोक त्रिपाठी और हरीश चंद्र यादव एनजीओ एवं जल्लू सोनकर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ने योगदान दिया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ राजीव कुमार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सत्यव्रत त्रिपाठी डीपीएम और जिला कोऑर्डिनेटर प्रवीण पाठक ने आशाओं को संबोधित किया और हर संभव सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई। अन्त में मातापुर पीएसी के अधीक्षक डा. गजेंद्र सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।