- जांच के डर से ग्रामीण सड़कों पर दौड़ रहे अवैध ट्रक
- ग्रामीण सड़कों पर दिन-रात होता है भारी वाहनों का परिचालन
बीके सिंह
सिरकोनी, जौनपुर। ग्रामीण इलाकों की सड़कें खस्ताहाल होकर अब जानलेवा साबित हो रही है। सड़क खराब होने के चलते कई घटनाएं हो रहीं। दरअसल ग्रामीण इलाकों में आवागमन को सरल बनाने के लिए संपर्क पथ के तौर पर हल्की सड़के बनाई गई है लेकिन इन सड़कों का इस्तेमाल बाईपास के तौर पर हो रहा है और 10-12 टन की जगह 40 से 50 टन वजनी ट्रक दौड़ रहे हैं। खासकर बालू पत्थर जैसे अवैध धंधे में लगे भारी ट्रक नेशनल और स्टेट हाईवे छोड़ कर ग्रामीण इलाकों से होकर भाग रहे हैं। नतीजा हुआ कि सड़कें बनने के कुछ दिन बाद ही खराब होनी शुरू हो गई। अभी हालत ये है कि जफराबाद से देवकली मार्ग व सिरकोनी से कबूलपुर मार्ग की सड़के धीरे-धीरे खराब होती जा रही है। कुछ सड़के ऐसे भी जिसको बने 5 साल भी पूरे नही हुए है।
आए दिन ओवरलोडिंग ट्रक के आवागमन से कुछ समय पहले बनी सड़के खराब होती जा रही है। इस सड़क पर हमेशा ट्रकों की लाइन लगी रहती है। ट्रक चालक टोल टैक्स बचाने के चक्कर में इसी ग्रामीण सड़के से अपने ट्रक को लेकर आते जाते है। कई बार इसकी शिकायत इससे संबंधित अधिकारियों से की गई लेकिन कोई फायदा नही हुआ। ग्रामीण इलाकों में बनी सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से हुई है।
जाहिर है सड़क को ग्रामीणों की व्यवस्था के अनुसार तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जो सड़कें बनाई जाती है, उनकी क्षमता 12 टन तक भार वाली गाड़ियों के गुजरने की ही होती है लेकिन इन सड़कों से तो 40-40 टन भार लेकर गाड़ियां गुजरती हैं, इसलिए ये सड़कें बनने के कुछ महीनों बाद ही उखड़ने लगती हैं लेकिन इस सड़क पर बालू, गिट्टी लोड 10 और 12 चक्का वाला ट्रक चल रहा है। वजनी ट्रकों के चलने के कारण ग्रामीण सड़क टूटकर गड्ढे में तब्दील होती जा रही है।
- … तो इसलिये ग्रामीण सड़कों को अपनाते हैं माफिया
नेशनल हाईवे पर होने वाली वाहन जांच के दौरान पकड़े जाने से बचने के लिए बगैर परमिट वाले वाहन, ओवरलोडेड ट्रक व टोल टैक्स और अवैध परिवहन करने वाले वाहन नेशनल हाईवे को छोड़कर ग्रामीण सड़कों से गुजर रहे हैं। इसके चलते एक तरफ जहां हर दिन लाखों रुपए के राजस्व का चोरी हो रहा है। वहीं ग्रामीण सड़कें बर्बाद हो रही है। सिरकोनी से कबूलपुर मार्ग जफराबाद से देवकली मार्ग जाने वाली ग्रामीण सड़क में दिन-रात भारी ट्रक गुजरते हैं। इसी तरह जफराबाद, नाथुपुर आदि जगहों पर भी ट्रकों की लाइन लगी रहती है।
- क्या बोले जिम्मेदार
इस मामले में पूछे जाने पर संभागीय निरीक्षक अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रक पर 50 टन तक का लोड का परमिशन होता है। उसके ऊपर लोड होने पर आरटीओ की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने बताया कि उक्त सड़क पर ट्रक की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की है। पीडब्ल्यूडी विभाग तय करता है कि कौन सी सड़क पर कितने वजन के क्षमता वाले वाहन को चलना है। उक्त मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी है कि वह उक्त मार्ग पर जाने वाले ट्रकों पर निगरानी कर कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि जाफराबाद की तरफ से जाने वाले ट्रक सिरकोनी बाजार में निकलते हैं, टोल टैक्स बचाने के लिए ऐसा हो रहा है।