औशाद
जौनपुर। नगर में गुरुवार को 8वीं मुहर्रम का जुलूस पुलिस सुरक्षा के बीच इमामबाड़ा नाज़िम अली से उठकर अटाला मस्जिद स्थित शेख इल्तेफ़ात हुसैन के इमामबाड़ा में समाप्त हुआ। शहर का सबसे पुराना आठवीं मुहर्रम का जुलूस गुरुवार को निकला जिसमें इमामबाड़ा नाज़िम अली में ग्वालियर से आये मौलाना वैज्ञानिक डा. क़ल्बे रज़ा ने मजलिस को ख़िताब फरमाते हुए कहा कि आज जो इस्लाम ज़िंदा है, वह इमाम हुसैन की वजह से हैं। उसके बाद जनाबे अली असगर अले. की शबी और दुलदुल की शबी बरामद हुई।
जुलूस में शहर की तमाम अंजुमनो ने नौहा मातम और सीनाज़ानी करके कर्बला के शहीदों को नज़राने अक़ीदात पेश की। अंत में जुलूस अटाला स्थित इमामबाड़ा शेख इल्तेफ़ात हुसैन के इमामबाड़े में आकर समाप्त हुआ। इसके पहले इमामबाड़ा शेख इल्तेफ़ात हुसैन से लगायत मैदान में तुरबत और दुलदुल का मिलन कराकर जुलूस का समापन किया गया। इमामबाड़ा शेख इल्तेफ़ात हुसैन व उसके लगायत मैदान में जुलूस आदि के सकुशल समापन में संरक्षक हैदर मेंहदी उर्फ़ दुल्लर, अफ़रोज़ मेहंदी, फिरदौस हुसैन का सहयोग व योगदान सराहनीय रहा।