विपिन सैनी
चौकियां धाम, जौनपुर। मां शीतला चौकियां धाम में विगत कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी गाजे—बाजे के साथ परम्परागत तरीके से होली के दूसरे दिन बारात निकाली गई। लोक परम्परा के अनुसार होली के दूसरे दिन शीतला चौकियां धाम से बारात निकलने की पुरानी परम्परा प्रचलित है। बारात निकलने से पूर्व दूल्हा दुल्हन मां शीतला माता रानी जी के दरबार में मत्था टेकते है। इसके बाद मन्दिर के मुख्य द्वार से बारात निकलकर धाम क्षेत्र में भ्रमण करने के पश्चात् नाचते फागुवा गीत गाते हुए युवा पचहटिया सूरज घाट पर पहुंचते हैं।
घाट पर दूल्हा समेत बराती स्नान करने जाते हैं। उसी समय घाट पर बैठी दुल्हन गायब हो जाती है। बारात पुनः दुल्हन के बिना बैरंग वापस आ आती है। सदियों से चली आ रही परम्परा आज भी युवाजन बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ निर्वाहन करते हैं। इस अवसर पर बृजेश माली, अनिल साहू, रामजनक माली, मोनी पंडा, आशीष माली, पप्पू त्रिपाठी, राहुल मोदनवाल, संतोष साहू, सूरज सेठ समेत तमाम लेाग उपस्थित रहे।
चौकियां धाम में परम्परागत तरीके से निकाली गयी होली बारात
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