Sunday, April 28, 2024
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पति—पत्नी ने फांसी लगाकर की समाप्त की अपनी जीवन लीला

  • प्राइवेट बैंक के 5 समूह से लाखों रूपये ले रखा था कर्ज

बीके सिंह
सिरकोनी, जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के विगही जमालपुर हीरापुर गांव की दलित बस्ती में सोमवार की रात को पति तथा पत्नी ने एक ही साड़ी के फंदे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। घटना की जानकारी होते ही पुलिस तथा आस—पास के सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त गांव निवासी रमेश कुमार पुत्र स्व. लाल बहादुर राजगीर मिस्त्री का काम करता था। उसकी शादी 8 वर्ष पूर्व दानगंज वाराणसी में हुई थी। रमेश अपने 3 भाइयों में सबसे बड़ा था। रमेश कुमार 30 वर्ष अपनी पत्नी मोनी 27 वर्ष तथा अपनी दो पुत्रियों अनन्या 3 वर्ष तथा प्रियांशी 1 वर्ष के साथ रहता था। रमेश से छोटा भाई दिनेश कुमार अपनी पत्नी के साथ कहीं बाहर रहकर रोजी रोटी कमाता है। सबसे छोटा भाई जयहिंद उर्फ छोटू अपनी बूढ़ी माँ राजकुमारी तथा दो छोटी बहनों के साथ अलग रहते हैं।
रमेश की बहन ने बताया कि रमेश व उसकी पत्नी व बच्चे प्रतिदिन 10 बजे के बाद ही सोकर उठते थे। उनका परिवार के लोगों से कोई मतलब नहीं रहता था। मंगलवार की सुबह रमेश की बड़ी लड़की अनन्या रोते हुए कमरे से बाहर निकली। तब सुनीता घर में घुस गई। वहां पर पतरे के कमरे के पाइप से साड़ी के फंदे से दोनों लटके हुए थे। उसने यह देखकर शोर मचाया। शोर सुनते ही अगल—बगल के लोग पहुंच गए। घटना की जानकारी प्रधान जंग बहादुर यादव को दी गयी। उनकी सूचना पर थाना प्रभारी रामसरिख गौतम मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों के शव को उतरवाकर अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि मामला पारिवारिक कलह का लगता है। हालांकि मृतकों के मोबाइल लिया गया है।उसकी जांच भी की जाएगी।

  • मौत का कारण कहीं कर्ज तो नही?

रमेश कुमार 5 समूहों से 3 लाख 2 हजार 361 रुपये कर्ज ले रखा था जिमसें उसने 1 लाख 17 हजार 871 रुपया जमा किया था। 1 लाख 84 हजार 490 रुपया बाकी था। सोमवार को किश्त जमा करने का समय था। मैनजर किश्त के घर भी गया था लेकिन रमेश पैसा जमा नहीं कर पाया। कहीं न कहीं यही फांसी लगाने का कारण बन सकता है। रमेश के नाम से एक समूह था। मोनी के नाम से तीन समूह था। एक समूह में दोनों का नाम था। तीन समूह फ्यूज़न नाम का था। एक समूह एससीएनएल के नाम से एक उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैक के नाम से था। उसकी गाड़ी स्प्लेंडर प्लस भी लोन पर थी। सारा कर्ज उतारने में वो सक्ष्म नहीं था। पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही हैं। जांच के बाद ही मामले की सही जानकारी मिल पायेगी।

 

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