- कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े से निकला कदीम जुलूस
अजय पाण्डेय
जौनपुर। जमीने मुबारक कदम रसूल छोटी लाइन इमाम बारगाह भंडारी स्टेशन के समीप रविवार को हिंदू—मुस्लिम एकता के प्रतीक शिया पंजतनी कमेटी के तत्वावधान में 26वां ऑल इण्डिया मजलिसे अजा व जुलूस हुआ। इस अजीमुश्शान मजलिस में बिहार छोलस से आये मौलाना सैय्यद जाफर रिज़वी ने कहा कि ईमाम हुसैन अ.स. की कर्बला के मैदान में दी गयी कुर्बानी रहती दुनिया तक न सिर्फ याद की जाती रहेगी, बल्कि इंसानियत के लिए दर्स देने का काम करती रहेगी। दुनिया में कुर्बानियां तो बहुत दी गयीं लेकिन ऐसी कुर्बानी किसी भी धर्म के इतिहास में नहीं मिलती।
मौलाना सैय्यद इमाम हैदर दिल्ली व मौलाना सैय्यद क़मर हसनैन दिल्ली ने कहा कि कर्बला के मैदान में बुजुर्ग से लेकर जवान और बच्चे तक के साथ इस हद तक बर्बता की गयी कि किसी भी सदी में जब यह दास्तां बयां की जायेगी तो जिस इंसान के सीने में दिल होगा, उसकी आंखे जरुर छलक उठेंगी। मौलाना गुलाम अली खान हरिद्वार ने कहा कि इमाम हुसैन अ.स. के चाहने वालों को चाहिए कि उनके संदेश से ऐसी जागरुकता पैदा करें कि इंसान के दिलों की आंखे रोशन हो जाय। मजलिस का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से मौलाना शेख हसन जाफर ने किया। सोजख्वानी सैय्यद गौहर अली ज़ैदी व हमनवां ने किया। डा. शोहरत जौनपुरी, हसन फतेहपुरी, मेंहदी जैदी, रेयाज मोहसिन बड़ागांवी, शम्सी आज़ाद, खुमैनी आफाकी, मुंतज़िर, आबाद, ज़मीर जौनपुरी ने अपने कलाम पेश कर कर्बला के शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया।
अलविदाई मजलिस मौलाना सैय्यद जाफर रिज़वी ने पढ़ते हुए बताया कि इतिहास गवाह है कि हजरत मोहम्मद व उनके नवासों ने अपना लहू देना गवारा समझा और इसके लिए सर कटाने से भी पीछे नहीं हटे। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत, अलम मुबारक व जुलजनाह निकाला गया जिसमें अंजुमन शमशीरे हैदरी के शहजादे ने नौहाख्वानी व मातम करती रही। या हुसैन की सदा के साथ जुलूस अपने कदीम रास्ते से होता हुआ इमामबारगाह कदम रसूल में जाकर खतम हुआ।
इस अवसर पर पूर्व चेयरमैन दिनेश टंडन, समाजसेवी सोमेश्वर केसरवानी, सुभाष चौधरी, ज्ञान कुमार, सलीम खान, संजय उपाध्याय, मौलाना मनाज़िर हसनैन, मोहम्मद हसन नसीम, डॉ क़मर अब्बास, सैय्यद कबीर ज़ैदी, वक़ार हुसैन, सैय्यद एहतेशाम हुसैन, रूमी आब्दी, नेहाल हैदर, एजाज हुसैन, कैफी रिजवी, नियाज़ हसन, फैसल हसन तबरेज़, सैय्यद हसनैन कमर, अजादार हुसैन सहित तमाम मोमनीन मौजूद रहे। अंत में कमेटी की ओर से शाहिद मेंहदी ने लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन बेलाल हसनैन व मौलाना शेख हसन जाफर ने संयुक्त रूप से किया।