Monday, April 29, 2024
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इस्लाम ने बेटियों को जायदाद में अधिकार सदियों साल पहले दे दिया है: मौलाना महफूज़ुल

जौनपुर। हजरत फात्मा जहरा की शहादत पर जामिया इमानिया नासिरिया में आयोजित आखिरी मजलिस में कई हज़ार लोगों की मौजूदगी से पूरा माहौल ग़मगीन हुआ। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा की इकलौती बेटी हज़रत फात्मा ज़हरा की शहादत पर आयोजित आखिरी मजलिस को खिताब करते हुए जामिया इमानिया नासिरिया के प्रिन्सिपल व इमामे जुमा जौनपुर हुज्जत उल इस्लाम मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने कहा कि इस्लाम में बेटियों को जायदाद में हिस्सा दिया गया है जो क़ुरान और हदीस से साबित है।

आज दुनिया में औरत के हक़ की बात की जाती है जबकि इस्लाम ने विरासत के कानून को आज से 14 सौ साल पहले ही बता दिया था हज़रत फात्मा ज़हरा ने अपने हक को हासिल करने के लिए विरोध किया। इस्लाम की तारिख़ का यह एक ऐसा चैप्टर है जिस पर हर मुसलमान को ग़ौर करना चाहिए कि रसूल की बेटी को उसके हक़ से क्यों (महरूम) वंचित रखा गया।

हज़रत फात्मा की शहादत के मसायब मौलाना महफुज़ुल हसन‌ खां ने पढ़ा। मजलिस में हर तरफ रोने की आवाज़ें बुलन्द होने लगीं। बाद ख़त्मे मजलिस शबीहे ताबूत हज़रत फात्मा ज़हरा की ज़ियारत हज़ारों मोमेनीन और मोमेनात ने किया। मजलिस में मुज़फ्फरनगर के काशिफ ककरौलवी ने नौहाख़ानी की। मौलाना सैय्यद ज़ोहरैन क़ैन रिज़वी, मेंहदी मिर्ज़ापुरी, वहदत जौनपुरी, शम्सी आज़ाद, आक़िब बरसरावी मौलवी ज़फ़र आज़मी ने पेशख़ानी की। मशहूर सोज़खां अली हसन मुज़फ्फरनगर ने मजलिस में सोज़खानी की। मौलाना सैय्यद आबिद रज़ा रिज़वी मोहम्मदाबादी ने संचालन किया।

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