शहीद के शिलापट्ट पर धुंधली होती यादों को पत्रकार ने पुनः कराया अंकित
पेण्टर ने शिलापट्ट पर शहीद का नाम अंकित करने का नहीं लिया शुल्क
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। देश के अमर जवान शहीदों के सम्मान के लिए हर एक नागरिक कर्तव्यनिष्ठ है। इसकी जीती जागती मिसाल खबर दुनिया यूट्यूब चैनल के रिपोर्टर आदर्श मिश्रा जिन्होंने गोरखपुर से 350 किलोमीटर का सफर तय कर जनपद के एक अमर जवान शहीद की धुंधली होती यादों को संवार कर देश भक्ति की मिशाल कायम कर अपने घर वापस चले गये।
बताते चलें कि रविवार को “सिमटती शहादत को भूलते लोग “शीर्षक के नाम से खबर छपी जिसमें अमर शहीद संजय सिंह के पैतृक आवास के तरफ जा रही रोड पर लगे पत्थर का सिला लगा था जिस पर शहीद का नाम धुंधला व भूलता नजर आ रहा था। खबर सोशल मीडिया पर देखते ही पत्रकार आदर्श मिश्रा रविवार की सुबह ही केराकत भौरा ग्राम के लिए निकल दिए और केराकत भौरा ग्राम पहुंचने के बाद लोकल पत्रकारों से पेंटर की मांग करने लगे जिस पर एक कलाकार सर्वेश चंद से उनका संपर्क कराया गया। जब तक कलाकार मौके पर पहुंचता तब तक खुद फावड़ा चलाकर शिलापट्ट के अगल बगल उगे जंगली घास को काटकर साफ सफाई की।
तत्पश्चात सर्वेश चंद अपनी कलाकारी का सामान लेकर उक्त जगह पर पहुंच गए हैं और पत्थर पर पुनः शहीद संजय सिंह के नाम को बड़े ही कलाकारी के साथ अंकित करते हुए अपने कार्य को पूर्ण किया जिस पर आदर्श मिश्रा ने उनसे पूछा की कितने पैसे हुए आपके? उस पर एक कर्तव्यनिष्ठ देश के नागरिक कलाकार सर्वेश चंद का जवाब था कि यह कार्य देश का है और देश के लिए हम सदैव तत्पर हैं। साथ ही कहा कि प्रदेश के हर उन पेंटरों से मेरा अनुरोध है कि इस तरह का अगर कही भी शहीद का शिलापट्ट लगा हो अगर उसपे अंकित नाम धुंधला हुआ है तो खुद ही अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए तत्काल शिलापट्ट पर पुनः नाम अंकित करे।
इस कर्तव्यनिष्ठ जवाब को सुनकर आदर्श मिश्रा जो 350 किलोमीटर का सफर करके थके आये थे, की सारी थकान पल भर में दूर हो गई और वह शहीद संजय सिंह के परिवार से मिल समाचार कवरेज कर अपने घर वापसी को निकल गए। जाते समय जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि को यह जता कर गये कि अगर देश भक्ति का जज्बा अगर दिल में हो तो उसे बताने व जताने की जरूरत नहीं है, बल्कि करने की जरूरत है।
देश के अमर जवानों के बलिदान को सहेजना हमारा भी कर्तव्य: आदर्श मिश्रा
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