- उप राष्ट्रपति की मौजूदगी में मिला स्वर्ण पदक
- राज्यसभा में सेक्रेटरी के पद पर हैं तैनात
मेराज अहमद
जौनपुर। फिरोज शाह तुगलक द्वारा बसाया गया पूर्वी उत्तर प्रदेश का जौनपुर शहर को हमेशा से ही शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में देखा गया है। मुगल साम्राज्य ने इस शहर को शीराज़ ए हिन्द का खिताब भी दिया था। आज़ादी के बाद भी इस ज़िले ने देश की सेवा के लिये एक से बढ़कर एक विद्वान, वकील, अधिकारी और प्रोफेसर समेत वैज्ञानिकों को जन्म दिया है। उन्हीं नामों की लिस्ट में जुड़ने वाल एक और नाम अज़ीम अनवर खान का है।
ज़िला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित शाहगंज थाना क्षेत्र के सबरहद गांव में जन्मे अज़ीम अनवर खान फिलहाल राज्यसभा सचिवालय में अवर सचिव के पद पर अपनी सेवायें दे रहे हैं। हाल ही में जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने वाले अज़ीम को भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आयोजित शाताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोह के दौरान अंग्रेज़ी विभाग से पीजी डिप्लोमा की डिग्री के साथ साथ दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के हाथों स्वर्ण पदक से नवाज़ा गया।
गौरतलब रहे कि अज़ीम अनवर खान ने प्रारम्भिक शिक्षा सबरहद गांव के मदरसा फारूकिया से प्राप्त की है,हिफ्ज़ ए कुरान पूरा करने के बाद अज़ीम ने उच्च शिक्षा के लिये पहले लखनऊ के नदवतुल उलमा और फिर जामिया और जे एन यू जैसे देश के बड़े विश्विद्यालयों का रुख किया जहाँ हाल ही में जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय में अज़ीम अनवर खान को पीएचडी की डिग्री दी है। स्वर्ण पदक पाने के बाद अज़ीम अनवर खान ने मीडिया से बात करते हुए अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पिता मास्टर अनवर खान और माता समेत अपने भाइयों और शिक्षकों को दिया। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के उप राष्ट्रपति के हाथों डिग्री पाना मेरे लिये बड़े ही गर्व की बात है। वहीं इस बात की खबर गांव में फैलते ही अज़ीम के पिता मास्टर अनवर खान को मुबारकबाद देने के लिये घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है।