शुभांशू जायसवाल
जौनपुर। डायट के ऑडोटोरियम हाल में “प्रधानाध्यापक का 5 दिवसीय आवश्यकता आधारित नेतृत्व सम्बर्धन प्रशिक्षण” का शुभारम्भ डायट के उपशिक्षा निदेशक/प्राचार्य डॉ विनोद शर्मा ने दीप प्रज्जवलित करके किया। मां सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।प्रशिक्षक डॉ नीरजमणि त्रिपाठी, डॉ अखिलेश मौर्य, धर्मेंद्र शर्मा, डॉ संतोष तिवारी, प्रतिमा मिश्रा आदि की उपस्थिति रही। धर्मेंद्र शर्मा ने नेतृत्व क्यों पर पीपीटी द्वारा बताया। डॉ संतोष तिवारी ने नेतृत्व के 3 चरण पर विशेष चर्चा करते हुए बताया कि ज्ञान, कौशल व दृष्टिकोण एक दल में होगी तो नेतृत्व अच्छा होगा, एक नेतृत्व कर्ता में सकारात्मक भाव का होना आवश्यक है। शिक्षक को एक सुगमकर्ता की भूमिका में रहनी चाहिए। जनपद के सभी विकास खंड से 83 प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें तकनीक सहायक के रूप में ह्यूमाना से अनुराग सिंह व ब्रजबन्धु उपस्थित रहे।
नेतृत्व क्षमता से बढ़ता है आत्मविश्वास
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