Monday, April 29, 2024
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शाश्वत परमात्मा के साथ नाता जोड़ने से ही जीवन खुशहाल एवं सार्थक बन सकता है: सुदीक्षा जी

अवधेश मौर्य
जौनपुर। “शाश्वत परमात्मा के साथ नाता जोड़ने से ही जीवन खुशहाल बन सकता है| ” उक्त उद्गार मड़ियाहू पड़ाव स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन के प्रांगण में उपस्थित विशाल संत समूह को सम्बोधित करते हुए महात्मा श्याम लाल संयोजक ने महाराष्ट्र के 56वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन संदेशो को बताया। यह तीन दिवसीय समागम औरंगाबाद के बिडकीन डीएमआयसी के विशाल मैदानों में आयोजित है जिसमें देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों एवं जनसाधारण ने भाग लिया। जौनपुर से भी हजारो की संख्या में निरंकारी संत महात्मा पहुचें| अन्त में सत्गुरु जी ने कहा कि धार्मिक ग्रन्थों में भी यही समझाया गया है कि मनुष्य जन्म केवल भौतिक कार्यों के लिए नहीं मिला है, बल्कि अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए इसी जन्म में हम अपनी आत्मा का नाता परमात्मा से जोड़कर जीते जी मुक्ति का लाभ प्राप्त करें। उक्त अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।

 

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