Sunday, April 28, 2024
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मछलीशहर विधायक डा. रागिनी ने सदन में सरकार को घेरा

  • 900 करोड़ के बिजली विभाग में घोटाले का मामला उठाया
  • गर्भवस्था के बाद शिक्षका को गृह जनपद में पोस्टिंग पर दिया जोर

मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने बजट सत्र में विधानसभा में बुधवार को जिले के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा। जनसमस्याओं के लिए वह सदन में सरकार लगातार सवाल दागती रहीं। बिजली प्लांट के मुद्दे पर ऊर्जा मंत्री को घेरते हुये कहा कि जो परियोजनाओं के पूरा होने की टाइमलाइन दिया था, उस पर खरे नहीं उतरी सरकार। उत्तर प्रदेश की दलित, आदिवासी और गरीब जनता को 3 सौ यूनिट फ्री बिजली देने के साथ पूर्वांचल विद्युत वितरण में गलत ढंग से बिजली बिल बढ़ाकर 9 सौ करोड़ के घोटाले का मामला संज्ञान में लाया। विद्युत विभाग के एक्सईएन, एसडीओ, जेई मिलकर जनता को परेशान कर रहे हैं। साथ ही मनरा देवी शिक्षण संस्थान तक पिच रोड के नवनिर्माण समेत कई संपर्क मार्ग के मरम्मत का मामला भी उन्होंने उठाया।

इसके पहले बजट सत्र में उन्होंने भाजपा सरकार को भगवान राम के आदर्शों पर चलने की नसीहत दी। भाजपा के जय श्रीराम के नारे में सब कुछ तो है सिर्फ राम नहीं हैं। भगवान राम ने कितने दुःख उठाए वे चाहते तो अपने रिश्तेदारों और बड़े-बड़े राजाओं की मदद लेकर रावण को हरा सकते थे। मगर उन्होंने दलितों, वंचितों, सबरी, सुग्रीव और हनुमान जी को गले लगाया। यह मर्यादा पुरषोत्तम का रामराज है लेकिन भाजपा के रामराज से पीडीए समुदाय गायब है। सपा सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विधायक ने कहा कि सपा ने मेट्रो लाइन बनवाई, गोमती रिवर फ्रंट बनवाया, मेदांता बनवाया, इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन यूनिट बनवाई, बच्चों को साक्षरता देने के लिए जगह-जगह लैपटाप बांटे, पुलिस हेडक्वार्टर बनवाया, लोकभवन बनवाया, एम्बुलेंस दिया, डायल 100 दिया जिसे आज 112 के नाम से इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू 2022 के भर्ती आया है जिसमें सामान्य और बैकलाग की भर्ती है।

आरक्षण के मामले धांधली का आरोप लगाते हुये कहा कि इस पर आर्टिकल-13 के तहत बनाए गए कमेटी के मेम्बर वहीं हैं जो इस धांधली को नहीं रोक सके थे। इनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा आरक्षित वर्ग के बैकलाग की सीट को इड्ब्ल्यूएस के तहत भरी जा रही है जो कि नाइंसाफी है। केजीएमयू के कुलपति को आरएमएल का डायरेक्टर बनाने पर आपत्ति जताते हुये कहा कि सरकार के पास अधिकारियों की कमी है क्या कि एक ही व्यक्ति को कई पदों पर बैठाया जा रहा है? विधान परिषद से आश्वासन के बाद भी इंटरव्यूह जारी रहा। यह इन लोगों के असंवैधानिक रवैये को दर्शाता है। शिक्षा की गुणवत्ता पर बेसिक शिक्षा मंत्री को घेरते हुये बेसिक शिक्षकों के बीमा का मुद्दा उठाया और कहा कि राज्य के शिक्षकों का कैशलेश बीमा है कि नहीं। गर्भवस्था के बाद जब तक महिला शिक्षक का बच्चा 5 साल तक नहीं हो जाता। ऐसी महिला शिक्षकों को उनके गृह जनपद में पोस्टिंग दिलाने की व्यवस्था की जाय।

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