- दोपहर साढ़े 12 बजे शहीद स्मारक पर पहुंचीं एसडीएम ने किया ध्वजारोहण
- शहीद स्थल पर दोपहर में ध्वजारोहण का होना अपने आपमें खड़ा करता है सवाल
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मर मिटने वालों का यहीं बाकी निशा होगा। जब भी आजादी में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर वीर सपूतों का जिक्र किया जाता है तो जौनपुर के केराकत क्षेत्र के सेनापुर के शहीदों का नाम भी गर्व से लिया जाता है लेकिन आजादी के इन्हीं मतवालों की याद में बनवाए गए शहीद स्मारक सेनापुर पर स्वतंत्रता दिवस पर दोपहर साढ़े 12 बजे ध्वजारोहण का होना अपने आपमें बड़े सवाल तो खड़े करता ही है। साथ ही इस दिवस और इसकी महत्वा, समयबद्धता की उपेक्षा को भी दर्शाता है।
बता दें कि केराकत तहसील मुख्यालय से सेनापुर शहीद स्मारक की दूरी लगभग 8 किलोमीटर है लेकिन इतनी ही दूरी तय करने में उपजिलाधिकारी को दोपहर के साढ़े बारह बज जाते है तुर्रा, बहाना यह कि कई कार्यक्रम ध्वजारोहण के थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शहीद स्मारक से बढ़कर और कोई कार्यक्रम हो सकता है जिन जवानों के सम्मान और स्वाभिमान के शान में यह दिवस मनाया जाता है जब उन्हें ही सम्मान और उनके शहादत स्थल की उपेक्षा होगी तो भला इस दिवस और इन अधिकारियों के ध्वजारोहण का क्या महत्व बनता है? सवाल ही यक्ष ही नहीं, बल्कि विचारणीय योग्य भी हैं।
गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से अनवरत राष्ट्रीय पर्व पर उपजिलाधिकारी केराकत के द्वारा शहीद स्मारक सेनापुर में तय समय से ध्वजारोहण होता आया है लेकिन इस बार समय को नजरअंदाज करते हुए किया गया ध्वजारोहण ग्रामीणों के गले उतर नहीं पा रहा है। उपेक्षा को लेकर ग्रामीण अंदर ही अंदर दु:खी भी है। इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी नंदलाल, सहायक सचिव जयेश यादव, ग्राम प्रधान अरविंद चौहान, सचिव कृष्ण मोहन यादव समेत भारी संख्या में भूतपूर्व सैनिक व ग्रामीण मौजूद रहे।