जौनपुर। दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता राजन तिवारी के सिविल लाइन स्थित आवास पर सोमवार को शोकसभा हुई जहां ग्राम बेहड़ा निवासी प्रसिद्ध कवि व रचनाकार ओंकार नाथ शुक्ल के निधन पर व्यक्त किया। साथ ही दो मिनट का मौन रखकर मृतक के आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया गया।
इस मौके पर राजन तिवारी ने बताया कि ओंकार नाथ शुक्ल मेरे पिता स्व० रत्नेश तिवारी के मामा थे एवं मेरी दादी स्व० गिरिजा देवी तिवारी के भाई थे। वह बीते कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे।
श्री तिवारी ने बताया कि श्री शुक्ल ने अपनी लॉ की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद साहित्य क्षेत्र में कदम रख दिया था। बड़े और जमींदार घराने के होने के कारण उन्होंने कभी नौकरी या व्यापार की तरफ रुख नहीं किया। कई वर्षों तक कवि सम्मेलन इनके द्वारा संपादित किया गया। दो वर्ष पूर्व तक उन्होंने अपने लेखनी को जारी रखा। उनकी कलम हर विषय पर चली चाहे वह राजनीति, समाज, सहित हो या भाषा हो।
शोकसभा में पूर्व डाक अधीक्षक प्रभाकर त्रिपाठी, अधिवक्ता रामा शंकर पाठक, मुकेश पांडेय, अरुण पांडेय, हरि प्रसाद सिंह, लालमणि यादव, विजय बहादुर सिंह, मो० इदरीश, शुभम सिंह, विजय प्रताप सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
प्रसिद्ध कवि के निधन पर शोक
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