Sunday, April 28, 2024
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मेरी रचना—मेरी कविता

मेरी रचना—मेरी कविता
पाप करना नि:संदेह बुरा होता है

खोया हुआ धन, खोया हुआ ज्ञान और
खोयी सेहत फिर भी लौट सकते हैं,
खोया समय कभी लौट नहीं सकता है,
समय जीवन में महत्व पूर्ण होता है।

पाप करना तो निःसंदेह बुरा होता है,
उससे बुरा पुण्य का अहंकार होता है,
हाँ, पाप से घृणा करना बुरा होता है,
पर पापी को पाप से बचाना होता है।

जीवन में रिश्ते बना लेना तो उधार
माँगने व लेने जैसा सरल होता है,
परंतु दुनिया में रिश्ते निभाना उधार
वापस देने जैसा बड़ा कठिन होता है।

गलती स्वीकार करने का साहस और
सुधरने का हौसला जब आ जाता है,
तभी इंसान बहुत कुछ सीख लेता है,
दूसरों को सुधारना सबको आता है।

हमें हृदय में दीवार नहीं, खुला द्वार
ज़रूर बनाकर रखना चाहिये ताकि
अपनों का आना-जाना चलता रहे,
और जीवन का इंद्रधनुष खिलता रहे।

जीवन में हर राह पर सही दिशा
का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है,
जब दिशा सही मिल जाती है तब
गति की धार अपने आप बढ़ जाती है।

परिस्थिति के अनुभव से मिला ज्ञान,
आदित्य सदा उचित शिक्षा देता है,
हर व्यक्ति कुछ न कुछ शिक्षा देता है,
हर हाल में कुछ तो ज्ञान मिलता है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र
लखनऊ।

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