हिमांशु विश्वकर्मा
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय नगर में पवित्र रमज़ान महीने के आज पहले जुमे की नमाज़ नगर से लेकर गांवों के मुसलमानों ने अपने आस पास की मस्जिदों में नमाज अदा की। मस्जिदों के इमाम ने नमाज अदा करने से पहले बताया कि रोज़ा रखने का मतलब सिर्फ भूखे प्यासे रहना नहीं है। रोज़ेदार पर लाज़मी है कि वो अपनी आंखों, अपनी ज़बान और कानों का भी रोज़ा रखे और किसी की तरफ ग़लत निगाह ना डाले और अपनी ज़बान से लोगों को तकलीफ ना पहुंचाएं। अपने पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों में उन लोगों का भी ख्याल रखें जो ग़रीबी की वजह से रमज़ान में परेशान नज़र आते हैं। गरीबों की मदद करना हम पर लाज़िम है। रोज़ा खास अल्लाह के लिए रखा जाता है। इसका बदला इंसान को अल्लाह ही देगा जिसका अंदाजा भी इंसान नहीं लगा सकता। जुमे की नमाज के बाद मुल्क की खुशहाली व अमन—चैन के लिए दुआ की गई।
पवित्र रमजान माह के पहले जुमे में मस्जिदों में अदा की गयी नमाज
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