Monday, April 29, 2024
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34वीं पुण्यतिथि पर याद किये गये कवि रूप नारायण जी

अजय पाण्डेय
जौनपुर। रूप नारायण त्रिपाठी ने एक ओर आधी शताब्दी तक कविता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी तो दूसरी ओर उन्होंने हिन्दी काव्य-मंचों को गरिमापूर्ण बनाये रखने में अतुलनीय योगदान किया। उक्त उद्गार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो0 गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने जगत नारायण इण्टर कालेज जगतगंज के परिसर में रूप सेवा संस्थान एवं उ0प्र0 भाषा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रचनाकार पत्रकार महाकवि रूप नारायण त्रिपाठी की 34वीं पावन स्मृति को समर्पित गीत रूप नमन समारोह में अध्यक्ष के रूप में व्यक्त किया।
मुख्य अतिथि प्रो0 राम मोहन पाठक ने कहा कि रूप नारायण त्रिपाठी ने हिन्दी कविता को भारतीय संस्कृति का रंग देने वाले अग्रणी कवि थे। उन्होंने राजनीति में रहते हुए भी जीवन एवं साहित्य में शुचिता का निर्वहन किया। विशिष्ट अतिथि रहे अन्तरराष्ट्रीय कवि-साहित्यकार डॉ0 बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि स्व0 त्रिपाठी मात्र साहित्यकार ही नहीं थे, बल्कि वे साहित्यकारों की नये पीढ़ियों की परवरिश करने वाले थे। उनकी काव्य भाषा पानी की तरह सहज-सरल एवं प्रवाहमान है। राज्यमंत्री उ0प्र0 सरकार गिरीश चन्द्र यादव ने कहा कि स्व0 त्रिपाठी साहित्य रत्न तो थे। वे जनपद की पहचान भी थे। सांसद श्याम सिंह यादव ने कहा पंडित जी सहज-सरल आम आदमी की भाषा में अपनी रचनाओं को बहुत ही सहज रूप से पिरोते थे। विशेष सचिव उच्च शिक्षा डा0 अखिलेश मिश्रा ने कहा कि त्रिपाठी जी की रचनाओं में आम आदमी की पीड़ा झलकती है।
पूर्व प्रमुख पूर्व एलएलसी एवं चेयरमैन डीसीबी विरेन्द्र सिंह ने कहा कि स्व0 त्रिपाठी की रचनाएं भविष्य के निर्माण के साथ विकास का भी संकेत देती हैं। मेरे जीवन की प्रगति में इनकी रचनाओं का बहुत योगदान रहा। इस अवसर पर जनसंचार विभागाध्यक्ष पू0वि0वि0 प्रो0 मनोज मिश्रा, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र प्रताप सिंह, विरेन्द्र सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता, डा0 पी0सी0 विश्वकर्मा, पूर्व प्राचार्य डा0 देवेश उपाध्याय, पूर्व प्रमुख श्रीपति उपाध्याय, डा0 सुरेश पाठक प्राचार्य, सुभाष सिंह प्रधानाचार्य बीआरपी कालेज, फूलचन्द भारती, चन्द्रमणि पाण्डेय, पूर्व प्राचार्य रमेशमणि त्रिपाठी, सपा नेता राहुल त्रिपाठी, अजय त्रिपाठी ’मुन्ना’, रामदयाल द्विवेदी, अरविन्द सिंह ’बेहोश’, आनन्द मिश्र एडवोकेट, पत्रकार लोलारक दूबे, कपिलदेव मौर्या, डा0 मधुकर तिवारी, श्याम मोहन अग्रवाल, गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव, संजय उपाध्याय, सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
रूप सेवा संस्थान की ओर से संरक्षक रामकृष्ण त्रिपाठी एडवोकेट ने अपनी काव्यात्मक शैली में आगन्तुक का स्वागत किया तो संस्था के प्रबन्धक सचिव लोकेश त्रिपाठी ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम प्रदान करके अतिथियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं आगन्तुक अतिथियों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। समारोह का संचालन कवि सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया।

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