- पहले मुआवजा, फिर रोड, तब एनएचआई वसूले टोल टैक्स: अजीत
विनोद कुमार/अमित गुप्ता
चन्दवक, जौनपुर। आजमगढ़-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग 223 के नादरशाही फरमान के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन का ऐलान कर चुके किसानों को ग्रामीणों का व्यापक समर्थन मिलने के साथ सड़क और सरकार के खिलाफ आक्रोश भी देखने को मिलने लगा है। एक दशक से ज्यादा समय से भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर मुकदमे की पीड़ा झेल रहे हजारों किसानों के सब्र का पैमाना छलकने को आतुर दिखलाई देने लगा है। विशाल धरना की घोषणा कर चुके किसान मुआवजे की मांग को लेकर अधिकारियों की उदासीनता के चलते मुकदमे और आर्थिक मानसिक पीड़ा में उलझे किसानों ने गांव-गांव घूम कर लोगों का जनसमर्थन हासिल करने के साथ पोस्टर बैनर इत्यादि के जरिए लोगों का ज्यादा से ज्यादा संख्या में बुधवार को टोल प्लाजा पर पहुंचने का आह्वान किया है।
किसानों में सरकार और सड़क विभाग से जुड़े अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रति भी जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। किसानों का आरोप है कि एनएचआई वाराणसी स्थित बलरामगंज में टोल प्लाजा बनाकर टैक्स वसूलने की कवायद लगभग पूरी कर चुकी है। वहीं सड़क की बात करें तो टोल प्लाजा से लगभग दो किलोमीटर बाद सड़क अधूरी है। सड़क अधूरी क्यों है? इस बात से न जनप्रतिनिधि अंजान हैं और न ही एनएचआई के अधिकारी बाबजूद इसके भी किसानों के मुआवजे का भुगतान किए बिना टैक्स वसूलने की फिराक में है।
किसान नेता अजीत सिंह ने बताया कि जब भी मुआवजे की बात की जाती है तो एनएचआई हाई कोर्ट का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लेती है। जब मामला न्यायलय में विचाराधीन है तो कैसे टोल प्लाजा बनाकर टैक्स वसूलने की तैयारी की जा रही है? जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आ जाता तब तक टैक्स वसूलने कहा सही है। उन्होंने कहा कि एनएचआई पहले किसानों के मुआवजा का भुगतान करे, फिर रोड बनवाये, उसके बाद टैक्स वसूले।