Sunday, April 28, 2024
No menu items!

दुर्घटना के सर्वाधिक 67 मुकदमों के निस्तारण का बना रिकार्ड

जौनपुर। अब तक की लोक अदालत में सड़क दुर्घटना के सर्वाधिक मुकदमों के निस्तारण का रिकॉर्ड इस लोक अदालत में बना। ट्रिब्यूनल जज भूदेव गौतम द्वारा सर्वाधिक 67 मुकदमों का निस्तारण किया गया। पीड़ित परिवारों को 4.99 करोड रुपए क्षतिपूर्ति मिलेगी। इसके अलावा 61 प्रकीर्ण मामलों का निस्तारण किया गया जिसमें रिफंड बाउचर के माध्यम से 6.39 करोड रुपए याचीगण के पक्ष में अवमुक्त हुए। याचीगण की ओर से सर्वाधिक 18 मामलों का निस्तारण अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने कराया जिसमें पीड़ित परिवारों को 1.26 करोड रुपए क्षतिपूर्ति मिलेगी।

विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से अधिवक्ता प्रवीण मोहन श्रीवास्तव द्वारा 22 मुकदमों का निस्तारण कराया गया। ट्रिब्यूनल जज ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। साथ ही कहा कि लोक अदालत में पक्षकार पूर्ण संतुष्टि पर आपसी सहमति से सौहार्दपूर्ण ढंग से मुकदमों का निस्तारण करते हैं।

दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं तथा टीपी हब प्रभारियों को लोक अदालत को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुये भविष्य में और अधिक मुकदमों का निस्तारण कर पीड़ित परिवारों को त्वरित क्षतिपूर्ति दिलवाने की अपेक्षा की। पीठ के सदस्य अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव व राना प्रताप सिंह ने कहा कि दुर्घटना में परिवार के मुखिया की मृत्यु पर पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति की आवश्यकता होती है। ऐसे में लोक अदालत एक प्रभावी अस्त्र साबित होती है। इस अवसर पर अधिवक्ता एसपी सिंह, एके सिंह, बीएल पटेल, निलेश निषाद, सूर्यमणि पांडेय, अवधेश यादव, जेसी पांडेय, अरविंद अग्रहरि, संतोष सोनकर, मिथिलेश ओझा, जीपी सिंह आदि उपस्थित थे।

  • लोक अदालत के दिन ही पहली बार सुलह के साथ मिला चेक

जौनपुर। 23 फरवरी 2021 को स्कूटी से विद्यालय जा रही सिपाह निवासी अध्यापिका नुजहत जहां की सेंट पैट्रिक स्कूल के पास ट्रक चालक की उपेक्षा से दुर्घटना हो गई जिसमें उन्होंने अपना दाहिना पैर खो दिया। बीमा कंपनी से 40 लाख रूपये में सुलह हुई। पहली बार लोक अदालत के दिन ही चोला मंडलम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के विधि प्रबन्धक आशुतोष मिश्रा प्राधिकरण में उपस्थित हुए और पीड़ित अध्यापिका को 40 लाख रूपये का चेक ट्रिब्यूनल जज भूदेव गौतम व विधि प्रबंधक आशुतोष ने प्रदान किया। इसके पहले भी विधि प्रबन्धक के अथक प्रयास से इश्तियाक बनाम लाल साहब मुकदमे में याचिका दाखिल होने के मात्र 28 दिन के भीतर 5 लाख रूपये में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से सुलह हो गई थी। इस मामले में याची के 8 वर्षीय बच्चे की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हुई थी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular