Monday, April 29, 2024
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पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर वसूली

विवेक त्रिपाठी
जौनपुर। सरकार बदली और वक्त भी बदला लेकिन नहीं बदला पुलिस के काम करने का तरीका। पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर थाने और कोतवाली में बैनर भी लगा है जिस पर लिखा है यूपी पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर है लेकिन सेवा में तत्परता तभी आएगी जब सुविधा शुल्क दिया जाएगा। यह बात अलग है कि दूसरी लाइन बैनर पर नहीं, बल्कि हकीकत में जमीन पर होती है। बात करते है शहर कोतवाली कि जहां पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर 1000 रूपया लिया जाता है वह भी मंद मुस्कान के साथ। बताते चलें कि अधिकतर युवा रोजगार की तलाश में खाड़ी देशों में जाना चाहते हैं। विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवाना पड़ता है। पासपोर्ट का आवेदन देने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन होता है। मतलब पुलिस आपके बताए गए एड्रेस पर विजिट करती है और वहां जाकर आपके डॉक्यमेंट पर पता लगाती है। इसके अलावा आपके बारे में आस-पास से जानकारी हासिल करती है। वहीं क्रिमिनल रिपोर्ट को लेकर रिपोर्ट लगाती है। पुलिस वेरिफिकेशन एक सरकारी दस्तावेज़ होता है जो इस बात का प्रमाण होता है कि आप किसी भी गलत काम में तो नहीं है और आपका आपकी कॉलोनी में आपके एरिया में आपका लोगों से कैसा व्यवहार है। अगर पूरी तरह से माने तो ये एक तरह से आपका चरित्र प्रमाण होता है। बस इतने से काम के लिए सुविधा शुल्क लिया जाता है। कम जागरूक और खाकी से डर की वजह से लोग पैसा देकर अपना काम करवा लेते है हालाकि इसका कोई शुल्क नहीं होता है। लोग सोचते भी यही हैं कि बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन? पासपोर्ट से संबंधित किसी मामले में रिश्वत की मांग के मामले में मंत्रालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी से संपर्क भी कर सकते है लेकिन सीधे साधे और गरीब तबके के पास कहा इतना ज्ञान और साहस है। फिलहाल पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के नाम पर धनादोहन की पुरानी परंपरा चल रही है।

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