पंकज बिन्द
महराजगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र में ग्राम पंचायत सवंसा के हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित संगीतमयी श्रीराम कथा के चौथे दिन स्वामी नीरजानंद महाराज ने भरत चरित्र वर्णन करते हुए विस्तार से श्रवण कराया। वहीं भक्तगण सुनकर भाव—विभोर हो गये।
वहीं शिवम जी महाराज ने श्रीराम चंद्र जन्म प्रसंग सुनाते हुये कहा कि दसरथ जी वशिष्ठ के पास गए थे और रो रहे थे तो वशिष्ठ बोले क्यों रो रहे हो। दशरथ जी बोले मुझे कोई पुत्र नहीं है। मेरा वंश कैसे चलेगा तो वशिष्ठ जी बोले— रोइए मत। आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। महर्षि कश्यप जी बुलाया गया। और नियोग विधि से तीनों माताओं को खीर खिलाई गई। भगवान प्रकट हुए और पूरे अयोध्या में खुशी छा गई। भगवान नाम स्मरण शक्ति मिलती है। भगवान पैसे वाले को नहीं मिलते हैं।
निर्मल मन वाले को मिलते हैं। अभिमानियों को भगवान कभी नहीं मिलते हैं। भक्तों के वस में भगवान रहते हैं। श्रीराम और शबरी के प्रेम पर प्रकाश डाला। वहीं भक्तगण सुनकर जय श्रीराम के जयकारे लगाये। इस अवसर पर राय अखिलेश सिंह, राम प्रताप सिंह, अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद, सिद्धार्थ सिंह, ज्वाला प्रसाद सिंह, श्याम शंकर उपाध्याय, यादवेंद्र प्रताप सिंह, लवकुश, भोला प्रसाद सेठ, ग्राम प्रधान देवेंद्र यादव, अतुल तिवारी, लालमणि पाण्डेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।