Monday, April 29, 2024
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तहसील अधिकारियों की कार्यप्रणाली से अधिवक्ताओं में आक्रोश, न्यायिक कार्य से रहे विरत

  • अधिवक्ताओं की साधारण सभा की बैठक में कई मुद्दों पर हुआ विचार विमर्श

विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील अधिकारियों की कार्य प्रणाली से अधिवक्ता आक्रोशित हैं। विरोध में न्यायिक कार्य ठप कर अधिवक्ताओं की साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद की अध्यक्षता में अधिवक्ता भवन में शुक्रवार को बैठक हुई। जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें मुख्य रुप से धारा 32/38 (खतौनी में लिपिकीय त्रुटि), 67(ए)1 की लगभग ढाई हजार पत्रावली या रिपोर्ट लगने के बाद भी पेंडिंग है। धारा 116 व 24 में लेखपाल, राजस्व निरीक्षक द्वारा मुंहमागी धन वसूली, धारा 34 की पत्रावलियों में लेखपालों द्वारा निर्धारित समय पर रिपोर्ट न देना। पौहा गांव में चकबंदी प्रक्रिया में शामिल होने के बाद भी लेखपाल द्वारा पैमाइश करना, न्यायालयों में सुनवाई के बाद भी समय पर आदेश निर्गत न होना, एससी परमीशन, धारा 80 आदि मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। अधिवक्ताओं में नायब तहसीलदार मुंगरा की कार्य प्रणाली पर विशेष आक्रोश दिखा।
अधिवक्ताओं ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुये कहा कि सभी लेखपालों व राजस्व निरीक्षकों के हाथ की कठपुतली बन चुके हैं और उनके द्वारा काश्तकारों का किया जा रहा शोषण व घुसखोरी नहीं रोक पा रहे हैं। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि सोमवार को सभी अधिकारियों से वार्ता होगी। यदि सभी मुद्दों पर सकारात्मक समाधान निकल आया तो बैठक कर हड़ताल समाप्ति की घोषणा होगी। सहमति न बनने पर अनिश्चित काल के लिये अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
बैठक में महामंत्री बनवारी राम मौर्य, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, जगदंबा प्रसाद मिश्रा, अशोक श्रीवास्तव, राम आसरे दूबे, आरपी सिंह, संजय यादव, पवन गुप्ता, विपिन मौर्य, आशीष चौबे, शैलेश यादव, सुरेश यादव, बृजेश यादव भारत, जेपी यादव, इंदु प्रकाश सिंह, अनिल मौर्य, विवेक यादव, अमर बहादुर यादव, सुरेश यादव, अक्षय लाल विश्वकर्मा, अजय सिंह, सुशील श्रीवास्तव, राजेन्द्र प्रजापति, अजय, अमित सिंह, विनय मौर्य, मनमोहन तिवारी, रतन लाल गुप्ता, अनुराग श्रीवास्तव उर्फ अन्नू, योगेंद्र नाथ, श्याम सुंदर यादव, दयानाथ पटेल, दयाराम पाल, बाबा रमेश यादव, वेद प्रकाश श्रीवास्तव, लालजी यादव, बाबू राम, अवनींद्र दूबे, संजीव चौधरी, बृजेश यादव आदि ने विचार व्यक्त किया।

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