Monday, April 29, 2024
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मुकदमे की सुनवाई के समय तहसीलदार के सिर पर गिरा छत का मलबा

  • न्यायालय छोड़ भागे तहसीलदार मूसा राम

विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। न्यायालय में सुनववाई के दौरान अचानक तहसीलदार मूसा राम के सिर पर छत का मलबा गिर गया। न्यायालय में अफरा—तफरी मच गई। धूल धूषित तहसीलदार को न्यायालय स्थगित कर जाना पड़ा जो तहसील में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जाता है कि तहसीलदार न्यायालय का संचालन अंग्रेजों के शासन काल में बने अत्यन्त जीर्ण शीर्ण भवन में आज भी हो रहा है जबकि इस भवन को सालों पूर्व अनुपयोगी घोषित कर इसके गिराने का भी आदेश हो चुका है और इसकी सूचना भवन पर चस्पा भी कर दिया गया था लेकिन कोई अन्य भवन का विकल्प न होने के कारण कमरे में तहसीलदार कोर्ट चलती है और बरामदे में अधिवक्ता बैठते हैं। 10 दिन हड़ताल के बाद सोमवार को कोर्ट चल रही थी कि अचानक घटना हो गई। छत का इतना मलबा तहसीलदार के सिर पर गिरा की सिर से कपड़े तक धूल से सन गया। अधिवक्ता, वादकारी स्तब्ध रह गये।कर्मचारीगण तौलिये से झाड़ पोछकर तहसीलदार को बाहर निकाला। इसके बाद न्यायालय स्थगित कर दिया गया।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, जगदम्बा प्रसाद मिश्रा, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, आरपी सिंह, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, इंदू प्रकाश सिंह, विनय पाण्डेय आदि अधिवक्ताओं ने मांग किया कि अविलम्ब भवन के जर्जर छत की मरम्मत करायी जाय और छत पर जल निकासी व साफ सफाई की व्यवस्था की जाय, अन्यथा भविष्य में कोई बड़ी घटना घट सकती है।

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