Sunday, May 19, 2024
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संस्कृत सभी भाषाओं की जननी: डा. विनय

तरूण चौबे
सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के श्री गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय सुजानगंज के साथ सभी संस्कृत महाविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रियाएं प्रारंभ हो गई हैं। इन महाविद्यालयों में शास्त्री (स्नातक) और आचार्य (परास्नातक) की कक्षाओं में प्रवेश होता है। अभी तक इन विषयों में प्रवेश हेतु इंटरमीडिएट में संस्कृत विषय होना आवश्यक था किंतु संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा छात्र हित में सामान्य धारा से आने वाले छात्रों के प्रवेशार्थ संस्कृत विषय की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। शर्त यह रहेगी कि शास्त्री में एक विषय सामान्य संस्कृत के रूप में लेकर उत्तीर्ण करना होगा। इस निर्णय से छात्रों में अत्यधिक प्रसन्नता है। विद्यालयों के संचालकों का कहना है कि अब छात्र संख्या बढ़ेगी। विश्वविद्यालय द्वारा यह निर्णय सराहनीय है।
श्री गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय सुजानगंज जौनपुर के प्राचार्य एवं उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ0 विनय त्रिपाठी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय से संस्कृत भाषा के प्रति अन्य विद्यार्थियों का भी रुझान बढ़ेगा। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। सभी भारतीयों को इस भाषा का ज्ञान होना परम् आवश्यक है। विश्वविद्यालय की कार्य परिषद द्वारा इस प्रकार का निर्णय प्रशंसनीय है। जो निर्णय हुआ है वह स्वागत योग्य है। इससे संस्कृत भाषा के प्रति सभी का लगाव बढ़ेगा।

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