अनुपम मौर्य
नेवढ़िया, जौनपुर। रामचरितमानस की एक—एक चौपाई मंत्र है। इसका मानव को अपने जीवन में उपयोग करना चाहिए। राम के चरित्र हमारे मानस के अंतः करण में प्रसारित होने चाहिए। उक्त बातें प्रख्यात विद्वान ब्यास योगेश महाराज ने सप्त दिवसीय महामृत्युंजय एवम् रूद्र पाठ पर ग्राम कुत्तुपुर में राहुल सिंह पत्रकार के आवास पर श्रद्धालु जनों को संबोधित करते हुए कहा। साथ ही आगे कहा कि राम के चरित्र को भगवान शिव ने अपने मानस में संजोकर रखा था। समय आने पर उसके अधिकारी के समक्ष उजागर किया। वैसे तो रामचरितमानस की बहुत सी टिकाए हुई हैं। महर्षि वाल्मीकि ने और अन्य लोगों ने भी तमिल भाषा में भी इसकी रचना किया है किंतु गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस सभी लोगों को समझने के योग्य है। मानस का उत्तरकांड वही है जो भगवान श्री कृष्ण ने गीता में उपदेश किया है।
बता दें कि देश हित में तथा क्षेत्र के विकास के लिए यह यज्ञ समारोह रखा गया है। यहां पर काशी साधु हुआ अयोध्या की वैदिक विद्वानों द्वारा यज्ञ कार्य प्रारंभ किया गया। सभी वैदिक विवाद प्रतिदिन अधिक मास पुरुषोत्तम मास होने के कारण रुद्राभिषेक भी किया जा रहा है। आयोजक चंद्र प्रकाश सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, विकास बताया कि जन कल्याणी है। लोगों को हित के लिए किया गया है।
आदित्य नारायण दुबे आचार्य, कमलेश शास्त्री, अनुभव शास्त्री, अभिषेक शास्त्री, शिवांश शास्त्री, अमन शास्त्री, मनोज शास्त्री, हर्षित शास्त्री, निशांक शास्त्री, आनन्द शास्त्री, रामानुज शास्त्री आदि वैदिक विद्वानों द्वारा यज्ञ संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर पत्रकार कन्हैया लाल पाण्डेय, पत्रकार सोनू सिंह, पत्रकार शुभम सिंह, पत्रकार शिवम् सिंह, संपादक जेडी सिंह सहित अनेक लोग थे। अंत में आयोजक राहुल सिंह पत्रकार ने समस्त लोगों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये अतिथियों को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मान किया।
सप्त दिवसीय महामृत्युंजय, रूद्र पाठ, रामचरितमानस की एक-एक चौपाई महामंत्र है: योगेश महाराज
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