- गोष्ठी में निष्पक्ष पत्रकारिता पर दिया गया बल
राकेश शर्मा
खेतासराय, जौनपुर। भारतीय पत्रकारिता में इलेक्ट्रॉनिक चैनलों से ज़्यादा सोशल मीडिया ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई है। सभी संस्थान आज उनका कई फोरम पर अनुसरण कर रहे है। वर्तमान में मीडिया ख़बर को सनसनीखेज के चक्कर मे जमीनी सच्चाई का स्थान नही मिल पाता है। पत्रकार समाज का आईना होता ऐसे में निष्पक्ष पत्रकारिता को तरज़ीह देना आवश्यक है। उक्त विचार युवा पत्रकार यूसुफ खान ने बुधवार को कस्बे में आयोजित ‘पत्रकारिता व वर्तमान चुनौती’ विषयक कांफ्रेंस में बोलते हुए कही।
साथ ही आगे कहा कि बदलते वक़्त के साथ बाज़ारवाद और पत्रकारिता के अन्तर्सम्बन्धों के पत्रकारिता की विषय-वस्तु तथा परस्तुति शैली में व्यापक परिवर्तन किये हैं। श्री खान ने चिंता जताते हुए कहा कि 21वीं सदी में दुनिया विज्ञान और टेक्नोलॉजी की बात कर रही है लेकिन भारतीय मीडिया आज भी जाति, धर्म, मन्दिर, मस्जिद की तथाकथित राजनीति से आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस तरह की पत्रकारिता समाज मे अंधविश्वास, धार्मिक उन्माद और सामीजिक विघटन ही पैदा करेगी। इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार आनन्द सिंह, राकेश शर्मा, विवेक श्रीवास्तव, अशोक यादव सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपना विचार व्यक्त किया।