अधीक्षण अभियंता विवेक खन्ना ने किसी भी बिन्दु का जवाब देने से किया मना
विद्युत वितरण खण्ड 132 केवीए में भर्ती के नाम पर अधीक्षण अभियंता, मैनेजर, सुपरवाइजर की मिलीभगत में चल रहा बन्दरबांट
अजय पाण्डेय
जौनपुर। विद्युत वितरण खण्ड 132 केवीए जो जनपद के विद्युत विभाग का मुख्य कार्यालय है, में भ्रष्ट्राचारियों की तूती बोल रही है। विभागीय अधिकारियों में सक्रियता नगण्य है और बाहरी तंत्र की सक्रियता पर विभाग चलाया जा रहा है। विभाग के कतिपय ठेकेदार शासन—सत्ता की नाहक हनक बनाकर कई फिडरों कई क्षेत्रों का काम अकेले लिए बैठे हैं। यह भी सत्य है कि बिना चढ़ावा चढ़ाए तो किसी भी विभाग में काम होने से रहा। यह तो विद्युत विभाग है, फिर उस चढ़ावे में होती है बंदरबाट।
बताते चलें कि पिछले कई दशक से कार्य कर रहे संविदाकर्मी जो विभाग और जनता हित में अपने जान तक की बाजी लगाकर काम किये लेकिन वही उनको मिला क्या विभागीय ठोकर, मुकदमे, जलालत और उसी में संविदा मैनेजर, सुपरवाइजरों की मिलीभगत में उच्चस्थ पद पर आसीन अधिकारी ने भी बहती गंगा में हाथ डालकर अच्छी खासी व्यवस्था को एक नया रूप देकर पुराने कर्मी बाहर और नए कर्मियों द्वारा रसूख के साथ उनका स्वागत किया गया है। यह कहां तक न्यायप्रिय कदम रहा, वह एक जांच का विषय बन गया है। अधीक्षण अभियंता के सलाहकार विभागीय नहीं, बल्कि बाहरी लोग हैं जिसकी मिलीभगत से विभागीय राजस्व को चूना अपनी जेब दूना करने में लोग लगे हैं।
सूत्रों की मानें तो अधीक्षण अभियंता महोदय महीने के 30 दिनों में मात्र 10 दिन ही कार्यालय में उपस्थिति दर्ज रहती है। अधीक्षण अभियंता से बातचीत के दौरान उन्होंने संविदा कर्मी की भर्ती एवं छटनी के बारे में पूछने पर गोलमोल करते हुए बताने से मना कर दिया। उनकी उपस्थिति के बारे में पूछने पर बच्चों और परिवार का हवाला दिया।
पुराने संविदाकर्मी को बाहर निकालो, नये कर्मी विभाग में, बाकी का जेब में
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