Monday, April 29, 2024
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संगीतमय हनुमत कथा का वर्णन सुनकर भाव—विभोर हुये श्रोतागण

  • ज्ञान व वैराग्य से नहीं, बल्कि प्रेम से प्रगट होंगे भगवान: आचार्य रामचन्द्र
  • ज्योति की भक्तिमय देवी व पचरा की प्रस्तुति से तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा पण्डाल

चौकियां धाम, जौनपुर। मां शीतला चौकियां धाम में चल रहे संगीतमय श्री हनुमत कथा के तीसरे दिन चित्रकूट धाम तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी कथा वाचक आचार्य रामचंद्र दास महाराज ने सीताराम हनुमान, सीताराम हनुमान कीर्तन कहते हुए कहा कि यह कीर्तन हनुमान जी को अत्यंत पसंद है, क्योंकि इसमें यह भाव आता है कि हनुमान जी सीताराम के हैं। सीताराम जी हमारे हृदय में हैं। इसी के साथ पंडाल जयकारे से गूंज उठा। महाराज जी ने कथा प्रसंग में चौपाई से वर्णन करते हुए कहा कि जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करहूं गुरुदेव की नाही हनुमान जी से प्रार्थना कीजिये कि एक गुरू की भांति हम पर कृपा करें। भक्तों को सीख दी की ज्ञान, वैराग्य से नहीं, बल्कि भगवान प्रेम से प्रकट होते हैं। परमात्मा के प्रति श्रद्धा भक्ति विश्वास प्रेम समर्पण भाव जीवन में रखना चाहिए।

सुखमय जीवन के लिए जीवन में कोई विवाद न करो, बल्कि हनुमान के चरणों में बैठकर श्रीराम नाम का जप सकीर्तन करो। जब जीवन में कोई रास्ता न मिले तो भगवान का नाम गाओ। रास्ता मंजिल अपने आप मिल जाएगा। ईश्वर की पहली भक्ति संत सत्संग। भगवान शिव भी हनुमान की तरह ही श्रीराम भक्त बनना चाहते हैं। जब समुद्र मंथन से जब हलाहल निकला तो शिवजी ने उसे धारण कर कंठ में ही रोक लिया। कंठ नीला पड़ गया। पार्वती जी ने कहा कि हलाहाल कंठ में क्यों रोक लिये स्वामी? शिव जी ने कहा कि क्योंकि मेरे हृदय में तो श्रीराम हैं। मुझे भी हनुमान बनना है। इसी के साथ ही पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। एक स्त्री के हरण पर हनुमान जी पूरी लंका जला दी और जब भरी सभा में दुर्योधन ने एक स्त्री का अपमान किया तो महाभारत हो गया।

अन्त में भोजपुरी गायक रविंद्र सिंह ज्योति के देवी, पचरा, गीतों की भक्तिमय प्रस्तुति से कथा पंडाल में हजारों की संख्या में मौजूद भक्तजन भाव—विभोर हो गये। माता रानी के पचरा गीतों एवं हनुमान जी के भजन से कथा पंडाल भक्तिमय हो गया। भक्तों ने तालियों की गड़गड़ाहट से अपनी सहमति प्रकट किया। कथा के दौरान प्रयागराज से पधारे अभिरामाचार्य जी महाराज, नगर के बड़े हनुमान मंदिर से रामरतन दास महाराज भी उपस्थित रहे। मां शीतला कार्यसमिति अध्यक्ष व आयोजनकर्ता विनय त्रिपाठी ने समस्त आगंतुकों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर एमएलसी विद्या सागर सोनकर, कोषाध्यक्ष संजय माली, महामंत्री अनिल सोनकर, अमरदेव श्रीमाली, आनन्द त्रिपाठी, पप्पू त्रिपाठी, लड्डू त्रिपाठी, गुड्डू त्रिपाठी, राहुल त्रिपाठी, राधारमण तिवारी, आदर्श उपाध्याय, बसंत श्रीमाली, विनय गिरी, अजय यादव, प्रमोद मोदनवाल, सुरेंद्र श्रीमाली सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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