- एक शाम जश्न-ए-आजादी के नाम का हुआ आयोजन
चन्दन अग्रहरि
शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के शेख बदरुद्दीन आजमी मेमोरियल वेल्फेयर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नगर के आजमगढ़ रोड स्थित एक होटल में एक शाम जश्न-ए-आजादी के नाम आयोजित मुशायरा और कवि सम्मेलन में शायरों और कवियों ने देश की शान में अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं का खूब मन मोहा।
ट्रस्ट के संस्थापक व सिटी नर्सिंग होम के संचालक डा. तारिक शेख, बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्राधिकारी शुभम तोंदी, मौलाना राफे आदि मेहमानों ने दीप प्रज्वलित करके मुशायरा व कवि सम्मेलन का आगाज किया। जश्न-ए-आजादी कार्यक्रम का संचालन कर रहे शायर रजब अली शेरवानी ने देशभक्ति पर अपने शेर “बन के अशफ़ाक हमें घर से निकलना होगा, चंद्रशेखर कि तरह रूख को बदलना होगा। देश को आज जरूरत है भगत जैसों की, बांध के सर पे कफन घर से निकलना होगा पढ़कर लोगों की खूब तालियां बटोरी।
युवा शायर वासिफ यार ने वर्तमान में देश के हालात पर अपनी नज़्म “फिक्र का मकतब कहां से आ गया। ये नया करतब कहां से आ गया। हम मोहब्ब्त करने वाले लोग थे। बीच में मज़हब कहां से आ गया” पढ़कर लोगों को हिन्दुस्तान जिन्दाबाद कहने को मजबूर किया। शृंगार रस की कवयित्री आराधना शुक्ला ने अपनी रचना “गम का दरिया न कही साथ बहा ले मुझको। अपनी आंखो में मेरे दोस्त छुपा ले मुझको” पढ़कर वाहवाही बटोरी। वहीं समद हाशमी बाबा ने “ये जो हिन्दुस्तान हमारा है, सारे संसार से न्यारा है। सोना चांदी यहां पे उगते, इस मिट्टी का कण सितारा है” पढ़कर माहौल में चार चांद लगाने का काम किया। कार्यक्रम में तैयब नक्काश, प्रियांशी जायसवाल, प्रीति गौड़ मग्न, बलिया से आई प्रतिभा यादव व इलाहाबाद से आई हुमा अक्सीर ने अपनी रचनाओं और कलाम से महफिल को देशभक्ति में सराबोर कर दिया।
बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्राधिकारी शुभम तोंदी ने कहा कि देश को आजादी दिलाने से लेकर अब तक शायरों, कवियों और साहित्यकारों का विशेष योगदान रहा है। ऐसे आयोजनों में समय देने से हमारी नई पीढ़ी को आजादी के दीवानों को समझने और देश प्रेम जगाने का रास्ता मिलता है। अंत में ट्रस्ट के संस्थापक डा. तारिक शेख ने आगंतुकों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर डा. काशिफ, श्यामजी गुप्ता, जफर अब्बास, ओम चौरसिया, अब्दुर्रहमान खान, अबुल्लैस खान, अलमास अंसारी, सुरजीत सिंह समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।