- अवैध ढंग से लापरवाही से ले जाये गये विद्युत तार पर पैर पर पड़ने से 16 वर्ष पूर्व हुई थी दादी—पोते की मौत
हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
जौनपुर। मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के लौह पंडित का पूरा गांव में विद्युत तार की चपेट में आने से 16 वर्ष पूर्व दादी और पोते की मौत के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने दोषी अभियुक्त शमशेर बहादुर पटेल को विद्युत अधिनियम के उल्लंघन एवं अपेक्षा पूर्ण कार्य से मौत का दोषी आते हुए दो वर्ष का आवास एवं 50,000 अर्थदंड की सजा सुनाया।
अवर अभियंता रजीबुल रहमान विद्युत उपकेंद्र मोगरा बादशाहपुर ने शमशेर बहादुर पटेल निवासी ग्राम लौह के खिलाफ 21 मई 2008 को एफआईआर दर्ज कराया था कि सूचना मिलने पर घटना स्तर पर पहुंचा तो देखा कि तुलसीराम पटेल के निजी नलकूप से खंभे से दो बांस की बल्लियां गाड़कर नंगे लोहे के तार लाइन अवैध रूप से खींचकर अभियुक्त शमशेर पंप चलाने के लिए ले गया है। इसी तार के टूटने से अमरावती देवी एवं उसके पौत्र शुभम पांडेय की विद्युत स्पर्श घाट से घटनास्थल पर मृत्यु हो गई।
अभियोजन के अनुसार अमरावती एवं उसका पोता शुभम घर से 200 मीटर दूर पाही पर गए थे।वहां खेतों में पेड़ से गिरे आम लेकर आ रहे थे। खेत में पहले से मोड़ पर रखे विद्युत तार पर शुभम का पैर पड़ गया। वह करंट की चपेट में आ गया। उसकी हालत देख दादी अमरावती उसे बचाने के लिए दौड़ पड़ी और वह भी करंट की चपेट में आ गई। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
शुभम के परदादा राम गरीब पांडेय ने भी थाने पर तहरीर दिया था विद्युत विभाग के जेई द्वारा अपने कर्मचारी से अवैध रूप से तार खिंचवाया गया था जिसके टूटकर गिर जाने से उसके प्रपौत्र व बहू की मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। सरकारी वकील कैलाश नाथ पांडेय, अनीस श्रीवास्तव व आनंद श्रीवास्तव ने गवाहों के बयान दर्ज कराए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शमशेर को विद्युत अधिनियम एवं उपेक्षा पूर्ण कृत्य से मौत का दोषी पाते हुई सजा सुनाया।